बेंगलुरु। बेंगलुरु में आज से बीजेपी की दो दिन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शुरु हो गई है। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने बैठक का शुरुआती भाषण दिया, शाह ने कहा कि 2014 बीजेपी के लिए जीत का वर्ष था और देश के हर हिस्से में बीजेपी ने जीत दर्ज की। शाह ने अब कार्यकर्ताओं को बिहार पर मेहनत करने की सलाह दी। अमित शाह ने कहा कि बीजेपी के हटते ही वहां एक बार फिर जंगलराज आ गया है। वहीं शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि बेकार में हमारी कमियां ढूढ़ने के वजाय कांग्रेस अपने नेता को ढ़ूढें।

शाह का मानना है कि आने वाले चुनाव में बीजेपी को ही फिर से बहुमत मिलेगा। गौरतलब है कि कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मोदी सरकार के पिछले 10 महीने के कार्यकाल का लेखाजोखा पेश किया जाएगा। इस दौरान भूमि अधिग्रहण बिल को लेकर कार्यकारिणी के सदस्यों के सामने चर्चा होगी। कार्यकारिणी के एजेंडे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का असर साफ नजर आ रही है।

भूमि विधेयक पर आलोचनाओं से घिरी भाजपा ने कहा कि वह इस मुद्दे पर वार्ता में किसानों को शामिल करने और विपक्ष द्वारा फैलाए गए ‘भ्रम और दुष्प्रचार’ को दूर करने के लिए व्यापक पैमाने पर संपर्क कार्यक्रम चलाएगी। हालांकि पार्टी ने साथ ही कहा कि वह विपक्षी दलों और किसानों द्वारा सुझाए गए बदलावों को तैयार है ।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में शुरू हुई दो दिवसीय भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भाजपा महासचिव पी मुरलीधर राव ने कहा कि पार्टी इस मुद्दे पर विचार मंथन करेगी और अगले महीने सत्ता में एक साल पूरा होने के मौके पर सरकार के अच्छे कार्यों के प्रचार के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अभियान चलाएगी।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘ भूमि विधेयक पर चर्चा होगी। विपक्ष ने इसके बारे में बहुत भ्रम फैलाया है और दुष्प्रचार किया है । हम इसके खिलाफ लोगों के पास जाएंगे । औद्योगिकीकरण आवश्यक है और हमें उद्योग तथा कृषि के बीच कोई संघर्ष नहीं दिखता । हम किसानों को एक पक्ष बना रहे हैं और उनके हितों से समझौता नहीं किया जाएगा।’ राव ने कहा कि भाजपा नेतृत्व पहले ही यह स्पष्ट कर चुका है कि वह विपक्षी दलों और किसानों से वार्ता का इच्छुक है तथा विधेयक में बदलाव पर विचार किया है । उन्होंने कहा, ‘ हम खुले दिमाग के साथ बात करना चाहते हैं ।’

राव ने बताया कि 15 लाख से अधिक सदस्यों को प्रशिक्षण दिया जाएगा और वे सरकार द्वारा किए गए अच्छे कार्यों के बारे में जनता को बताने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे । वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी द्वारा प्रतिनिधियों को संबोधित करने या नहीं करने का सवाल अभी भी यथावत है । राव ने कहा कि वह दो दिवसीय बैठक में पूरे समय मौजूद रहेंगे, जिसमें पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और प्रदेश अध्यक्षों समेत कई विशिष्ट आमंत्रितों समेत 111 से अधिक राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य शिरकत कर रहे हैं ।

राव ने सीधा जवाब देने से बचते हुए कहा, ‘ वह यहां आ चुके हैं और पूरा समय मौजूद रहेंगे । वह हमारा मार्गदर्शन करने के लिए हमेशा रहे हैं ।’ राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठकों में आडवाणी का समापन भाषण एक परंपरा रही है । केवल 2013 में गोवा की बैठक को छोड़कर जिसमें वह वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव से पूर्व मोदी को पार्टी की प्रचार समिति का प्रमुख बनाए जाने के परोक्ष विरोध में शामिल नहीं हुए थे । मोदी-शाह की जोड़ी ने वरिष्ठ नेता को पार्टी की महत्वपूर्ण नीति नियंता ईकाइयों से दरकिनार कर दिया है और उन्हें रस्मी ‘मार्गदर्शक मंडल’ का सदस्य बना दिया है ।

आडवाणी के भाषण पर सस्पेंस बरकरार

बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक संबोधित करने को लेकर बना सस्पेंस अभी भी बरकरार है। अभी तय कार्यक्रम में आडवाणी के भाषण को जगह नहीं दी गई है। 

पहले खबर आई थी कि आडवाणी कल दोपहर में भाषण दे सकते हैं, लेकिन अब जो खबर आई है उसके मुताबिक कल के वक्ताओं की सूची में आडवाणी का नाम नहीं है।