लखनऊ:  भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि अगर महिला आईएएस अधिकारी का सम्मान समाजवादी पार्टी (सपा) की सरकार में सुरक्षित नहीं है तो आम महिला पर क्या बीत रही होगी इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। गोरखपुर में तैनात ट्रेनी आईएएस द्वारा जिलाधिकारी रंजन कुमार पर लगाए गए गंभीर आरोप यह बताने के लिए काफी हैं कि सपा सरकार के मनबढ़ अफसर नारी को किस दृष्टि से देखते हैं। यह एक गंभीर मसला है। 

प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव स्वयं कह चुके हैं कि उनकी पत्नी सांसद डिंपल यादव महिलाओं की सुरक्षा के प्रति बेहद गंभीर हैं। अगर वाकई में ऐसा है तो सपा सरकार के अफसरों की महिलाओं से छेड़छाड़ और दुव्र्यवहार की घटनाएं क्यों नहीं रुक रही हैं। महिला अफसर पर छेड़छाड़ करने के आरोपी अफसर पर कड़ी कार्रवाई करने की सलाह डिंपल यादव अपने पति और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को क्यों नहीं देंती ?

प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि पिछले वर्ष पुलिस ट्रेनिंग स्कूल, मेरठ में तैनात डीआइजी देवी प्रसाद श्रीवास्तव पर महिला दारोगा ने छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। इसी प्रकार आईपीएस अफसर संजीव त्यागी पर भी एक महिला आइपीएस से छेड़छाड़ का आरोप लगा था। अखिलेश यादव सरकार ने किरकिरी से बचने के लिए इन अफसरों को निलंबित तो किया लेकिन बाद में मामला रफादफा हो गया। 

प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि सपा सरकार के इसी निकम्मेपन के कारण पूरे प्रदेश की महिलाएं असुरक्षित महसूस कर रही हैं। विडंबना यह है कि सपा सरकार ढूंढ़-ढूंढृ कर महिलाओं के साथ गलत व्यवहार करने वाले अफसरों को यूपी में लाकर तैनात कर रहे हैं. लखनऊ के एसएसपी और महाराष्ट्र कैडर के आईपीएस अफसर यशस्वी यादव कोल्हापुर पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में हुए सेक्स स्केंडल के आरोप में घिरे थे। जांच के बाद यशस्वी यादव निलंबित भी हुए थे लेकिन अखिलेश यादव को पता नहीं इनमें क्या ऐसी खूबी देखी कि महाराष्ट्र से लाकर यूपी में तैनात करवा दिया। 

प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि सपा सरकार अगर वाकई में नारी सम्मान के प्रति गंभीर है तो वह गोरखपुर के जिलाधिकारी रंजन कुमार को तत्काल बर्खास्त करे और ऐसे सभी अफसरों को तुरंत पद से हटाकर कड़ी सजा दे जिनपर महिलाओं से दुव्र्यवहार के आरोप लगे हों।