किसानों के गन्ना मूल्य बकाये का कराया जाएगा भुगतान, फिर शुरू होगी कन्या विद्या धन योजना 

मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि जब तक खेतों में गन्ने की फसल खड़ी है तब तक चीनी मिलें पेराई सत्र बन्द नहीं करेंगी। किसानों के गन्ना मूल्य बकाये का भुगतान कराया जाएगा। गन्ना मूल्य भुगतान किसी भी स्थिति में रोका नहीं जाएगा। सहकारी चीनी मिलें नियमित गन्ना भुगतान कर रही है, अन्य मिलों से भी गन्ना मूल्य बकाये का भुगतान कराया जाएगा। 

मुख्यमंत्री आज जनपद मुजफ्फरनगर के भोपा कस्बे में एक मांगलिक कार्यक्रम में सम्मिलित होने के पश्चात मीडिया प्रतिनिधियों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बेमौसम बरसात तथा ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान का सर्वे व आकलन करके क्षतिपूर्ति प्रदान की जा रही है। किसानों को हुए नुकसान की पर्याप्त क्षतिपूर्ति हेतु केन्द्र सरकार से राहत पैकेज की मांग की गयी है। 

श्री यादव ने कहा कि राज्य सरकार वर्ष 2016 से ग्रामीण क्षेत्रों में 16 घण्टे तथा शहरी क्षेत्रों में 22 से 24 घण्टे विद्युत आपूर्ति के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए विस्तृत कार्य योजना तैयार कर ली गई है। अनपरा-डी बिजली परियोजना की 500 मेगावाट क्षमता की पहली इकाई तथा 120 मेगावाट क्षमता की एक अन्य इकाई हरदुआगंज में पिछले दिनोें आरम्भ कर दी गई है। इससे राज्य में विद्युत उपलब्धता में 620 मेगावाट की वृद्धि हुई है। अनपरा-डी परियोजना की 500 मेगावाट क्षमता की दूसरी इकाई भी शीघ्र शुरू कर दी जायेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेशवासियों के हित में अनेक कल्याणकारी योजनायें संचालित कर रही है। समाजवादी पेंशन योजना के तहत 40 लाख परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। इस वित्तीय वर्ष में 5 लाख अतिरिक्त परिवार इसके तहत लाभान्वित किए जाएंगे। युवाओं को रोजगारपरक निःशुल्क प्रशिक्षण के लिए कौशल विकास मिशन, डाॅ0 राम मनोहर लोहिया समग्र विकास योजना, समाजवादी एम्बुलेंस सेवा, कृषक दुर्घटना बीमा योजना व कामधेनु तथा मिनी कामधेनु डेयरी योजना, किसानों के लिए ऋण माफी योजना आदि योजनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि शीघ्र ही कन्या विद्या धन योजना भी पुनः आरम्भ होगी।

श्री यादव ने कहा कि राज्य सरकार ने मुजफ्फरनगर-सहारनपुर वाया देवबन्द मार्ग को फोरलेन विद पेव्ड शोल्डर स्तर पर विकसित करने का निर्णय लिया है। इस परियोजना की कुल 752 करोड़ 88 लाख रुपये की लागत आएगी। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि तीर्थ नगरी ‘शुक्रताल’ को विकसित करने के लिए जिला प्रशासन से योजना तैयार करायी जाएगी। उन्होंने कहा कि यहां के मार्ग को फोरलेन करने पर भी विचार किया जायेगा।