लखनऊ: चौरसिया महासंघ द्वारा हस्ताक्षर अभियान में चौरसिया महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौरसिया श्यामसुन्दर दास की अध्यक्षता में कहा गया कि कैलाश चौरसिया को समाज की भागीदारी देखते हुए समाजवादी पार्टी ने मंत्री के पद पर आसीन किया तथा चौरसिया समाज की समस्याओं का समाधान करेंगे परन्तु मंत्री कैलाश चौरसिया, चौरसिया समाज के लोगों से मिलना ही नहीं पसन्द करते, अगर अचानक कोई पहुॅच जाता है तो लोगों का कहना है कि मंत्री जी उनके साथ अभद्र शब्दों द्वारा अपमानित करते हैं और कहते हैं कि हम केवल अपने विधानसभा के लोगों का देखते हैं। क्या यह राज्यमंत्री केवल अपने विधानसभा के लिये बने हैं क्या? जोकि अपने विधानसभा के चौरसिया भाईयों से कहते हैं कि हम तो चौरसिया वोटों से नहीं जीते हैं। क्यो आपका काम करूॅ। आप लोग चुनाव में हमारा साथ नहीं देते हैं। इनका पूरा राजनैतिक जीवन बीतता जा रहा है लेकिन चैरसिया समाज की भागीदारी को देखते हुए समाजवादी पार्टी में कोई भी सम्मानजनक पद या टिकट आज तक दिलाने में नाकाम रहे। इसका मूल कारण यह है कि चौरसिया समाज को आगे बढ़ते नहीं देख सकते हैं और न किसी को आगे बढ़ाकर बगल में बैठाने लायक बनने देते हैं। प्रमाण के रूप में जब से मंत्री कैलाश चौरसिया के पूरे राजनैतिक जीवन में आज तक कोई भी विधायक या सांसद एवं एम0एल0सी0 नहीं बन पाया। अगर इनके जैसी सोच रखने वाले दो चार लोग और हो जाय तो समाज का बेड़ा गर्क हो जायेगा। चौरसिया महासंघ का कहना है कि चौरसिया समाज के साथ किसी भी राजनैतिक दल द्वारा वर्ष 2017 के चुनाव में सौतेला व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। चाणक्य की दो लाइन हैं कि ‘‘राजनीति में भागीदारी नहीं लेंगे तो अयोग्य व्यक्ति आप पर राज करेगा’’। उसी के भुक्तभोगी आज चैरसिया समाज बन चुके है।
चौरसिया लोगों की जनसंख्या को देखते हुए सभी राजनैतिक दलों से अपील है कि राजनैतिक भागीदारी में हमारे समाज को सम्मिलित किया जाय जिससे समाज का उत्थान हो सके।
मृतको में एक ही परिवार की दो सगी बहने, परिजनो में मचा कोहरामएसडीएम-सीओ समेत पुलिस…
बाइक सवार मित्रों को गांव से घसीटते हुए एक किलो मीटर दूर ले गई,सहमे लोग…
मुंबईएचडीएफसी बैंक के मोबाइल ऐप पेज़ैप (PayZapp) को 'सेलेंट मॉडल बैंक' अवार्ड मिला है। एचडीएफसी…
-कम सैलरी में पत्रकारों का 24 घंटे काम करना सराहनीयः पवन सिंह चौहान -यूपी वर्किंग…
(व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा) हम तो पहले ही कह रहे थे, ये इंडिया वाले क्या…
(अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर विशेष आलेख : संजय पराते) आजादी के आंदोलन में ट्रेड यूनियनों…