लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आलोक रंजन ने संबंधित प्रमुख सचिवों एवं सचिवों को निर्देश दिए हैं कि सी.जी.सिटी (चक गजरिया फार्म) में प्रस्तावित विभिन्न परियोजनाओं से संबंधित विभागों को अपनी परियोजनाओं की समय सारिणी के अनुसार प्रगति आख्या प्रत्येक माह के प्रथम सप्ताह में पत्रावली पर आवास विकास विभाग को अवश्य उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने सी.जी.सिटी के प्रगति कार्यो में तेजी न आने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि परियोजनाओं के कार्यो का विजुअल प्रस्तुतिकरण आगमी अप्रैल माह के अन्तिम सप्ताह में आयोजित बैठक में करना होगा। उन्होंने कहा कि संबंधित संस्थाओं को अपनी परियोजनाओं से संबंधित पर्यावरण अनापत्ति हेतु आवेदन यथाशीघ्र अवश्य करा दिया जाय। उन्होंने प्रमुख सचिवों को यह भी निर्देश दिये कि संबंधित विभागों में नोडल अधिकारी नामित कर यह सुनिश्चित करायें कि कार्योे का स्थलीय निरीक्षण समय-समय पर अवश्य होता रहे ताकि कार्यो में प्रगति एवं निरंतरता बनी रहे।

मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार सी.जी.सिटी (चक गजरिया फार्म) में प्रस्तावित विभिन्न परियोजनाओं के प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आधुनिक मेडिसिटी-कैंसर संस्थान हेतु डी.पी.आर. पर अनुमोदन एवं टर्न-की पद्वति से कार्य कराये जाने के प्रस्ताव पर सक्षम स्तर से अनुमोदन तत्काल प्राप्त कर प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृत निर्गत कर कार्य प्रारम्भ कराया जाय। उन्होंने कहा कि सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल-कार्डियोेलाजी सेन्टर परियोजना हेतु कन्सलटेन्ट तैयार किये गये आर.एफ.पी./आर.एफ.क्यू. को अंतिम रूप दिये जाने हेतु शीघ्र निविदा मूल्यांकन समिति की बैठक आयोजित कर अग्रेत्तर कार्यवाही सुनिश्चित की जाय। 

श्री रंजन ने कहा कि आधुनिक दुग्ध प्रसंस्करण प्लान्ट (अमूल परियोजना) हेतु 20 एकड़ की जमीन उपलब्ध करा दी गयी है। उक्त जमीन पर परियोजना की स्थापना का कार्य यथाशीघ्र प्रारम्भ कराया जाय। उन्होंने कहा कि लगभग 05 एकड़ में निर्मित होने वाले सहकारी डेयरी प्रशिक्षण व शोध संस्थान एवं मिल्क पार्लर की पुर्नस्थापना कराये जाने हेतु यू0पी0 प्रोजेक्ट कार्पोरेशन से एमओयू के अनुसार आगामी मार्च 2016 तक  कार्य अवश्य पूर्ण कराना होगा।