एसटीएफ ने किया पेपर लीक कांड का खुलासा, तीन गिरफ्तार 

इंस्टेंटखबर ब्यूरो 

लखनऊ:पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा का पेपर लखनऊ के आदर्श भारती विद्यालय परीक्षा केंद्र से आउट हुआ था। मामले की जांच कर रही एसटीएफ ने सोमवार को पेपर लीक कांड का खुलासा करने का दावा किया है। एसटीएफ ने स्कूल मैनेजर विशाल मेहता,कक्ष निरीक्षक जय सिंह वर्मा और ज्ञानेंद्र कुमार को मामले में गिरफ्तार कर लिया है। तीनों के खिलाफ कृष्णानगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है।

एसटीएफ के आईजी सुजीत पाण्डेय ने बताया कि पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा का पेपर रविवार की सुबह करीब सवा आठ बजे आउट हुआ। एसटीएफ के मुताबिक पेपर आउट करने की योजना आलमबाग स्थित आदर्श भारती विद्यालय के मैनेजर व परीक्षा नियंत्रक विशाल मेहता ने कक्ष निरीक्षक जय सिंह वर्मा और विद्यालय के शिक्षक ज्ञानेंद्र कुमार के साथ मिल कर बनाई थी। इसमें बड़े स्तर पर कोई गिरोह शामिल नहीं है। आईजी सुजीत पाण्डेय ने पेपर आउट मामले में लोक सेवा आयोग को क्लीन चिट दी है। पुलिस के मुताबिक जांच के दौरान किसी भी सरकारी कर्मचारी या अधिकारी के मामले में शामिल होने का सुबूत नहीं मिला है।

पुलिस के मुताबिक पीसीएस का पेपर आउट होने की योजना परीक्षा से दो दिन पहले गुरुवार को बनी थी। खुद पीसीएस की परीक्षा में शामिल होने जा रहे ज्ञानेंद्र कुमार ने विशाल और जय वर्मा के साथ पेपर आउट करने की योजना बनाई। तय योजना के तहत ज्ञानेंद्र कुमार को पेपर बेचने का काम सौंपा गया था,जबकि परीक्षा से पहले पेपर आउट करने की जिम्मेदारी विशाल मेहता ने खुद संभाली थी। पेपर का फोटो कर वाट्सएप के जरिये ज्ञानेंद्र के बताए नंबरों पर भेजने का काम जय वर्मा के पास था।

एसटीएफ के मुताबिक तय योजना के तहत जय वर्मा और विशाल मेहता रविवार की सुबह 8 बजे स्कूल पहुंच गए। विशाल ने दस मिनट बाद पेपर निकाला और जय वर्मा ने अपने मोबाइल से फोटो कर ज्ञानेंद्र के बताए नंबरों पर वाट्सएप के जरिये भेज दिया। इस बीच एसटीएफ को पेपर आउट होने की भनक लग गई। मुखबिरों से मिली सूचना और सर्विलांस की मदद से एसटीएफ ने उस मोबाइल नंबर को ट्रैस कर लिया जिसके जरिये वाट्सएप पर पेपर भेजे गए थे। मोबाइल नंबर के जरिये पुलिस ने जय सिंह वर्मा को दबोच लिया। पूछताछ में जय सिंह वर्मा ने साजिश में शामिल अन्य दोनों साथियों के नाम कबूल लिए। वर्मा की निशानदेही पर एसटीएफ ने छापेमारी कर रविवार की शाम लगभग सात बजे विशाल और ज्ञानेंद्र कुमार को भी पकड़ लिया।

पुलिस के मुताबिक गिरोह ने पीसीएस के पेपर की कीमत एक लाख रुपये तय की थी। हालांकि आरोपियों के पास से रकम की वसूली नहीं हो सकी है। एसटीएफ का कहना है कि गिरोह पेपर बेचने की रकम की वसूली नहीं कर सका था। पुलिस ने आरोपियों के पास से 4 मोबाइल फोन, 2 पैन कार्ड, 3 एटीएम कार्ड और मतदाता पहचान पत्र बरामद किया है। आईजी सुजीत पाण्डेय ने बताया कि कई और पहलुओं की जांच की जा रही है।