नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भूमि अधिग्रहण विधेयक पर केंद्र सरकार के दावों को झूठ का पुलिंदा करार देते हुए चिट्ठी भेज अपना रूख स्पष्ट किया। सोनिया ने केन्द्र सरकार पर सवालों की झड़ी लगा दी और कहा कि इसमें किसानों का मजाक उड़ाया गया है। किसान को भूमि के बदले मुआवजा नहीं देना और जमीन का अधिग्रहण किसान की सहमति के बिना करना उसके साथ धोखा है। 

उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसानों के हितों की अनदेखी नहीं कर सकती। कांग्रेस अध्यक्ष ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के भूमि अधिग्रहण कानून पर लिखे पत्र के जवाब में शुक्रवार को केंद्र सरकार पर यह आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अध्यादेश में सामाजिक प्रभाव के आकलन की शर्त हटाई है जबकि इस कानून में स्पष्ट लिखा है कि सामाजिक आकलन छह माह में किया जाएगा। क्या इस आकलन को हटाना किसाना विरोधी कदम नहीं है। 

उन्होंने लिखा कि 2013 के कानून में किसान की अधिगृहित भूमि का यदि पांच साल के भीतर इस्तेमाल नहीं होता है तो वह भूमि किसान को वापस लौटा दी जाएगी लेकिन सरकार ने विधेयक से इस प्रावधान को भी हटा दिया है। उन्होंने इस प्रावधान को हटाने के सरकार के प्रयास को किसानों के हितों पर कुठाराघात बताया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इस कानून में भूमिहीन किसानों तथा खेतिहर मजदूरों को लाभ पहुंचाने और रोजगार के अवसर देने की व्यवस्था पहले ही की गई है।