लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि हर वर्ष भीषण बाढ़ का दंश झेलने वाली यूपी की जनता के साथ पूर्ववर्ती बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और वर्तमान समाजवादी पार्टी (सपा) ने बड़ा ही शर्मनाक मजाक किया है। 

पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान पटल पर रखी गयी भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक – सीएजी- की रिपोर्ट ने इन दोनों सरकारों की कलई खोल कर रख दी है। बाढ़ आने पर हमदर्दी का ढोल पीटने वाली इन सरकारें वर्ष 2009 से लेकर 2014 तक बाढ़ नियंत्रण के लिए जारी बजट की 68 फीसदी रकम यानी 1486 करोड़ रुपए खर्च ही नहीं कर सकीं। 

प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि सपा व बसपा सरकारों ने जनता को बाढ़ से बचाने में कोई दिलचस्पी ही नहीं दिखाई। जो बजट इन सरकारों ने खर्च किया है वह भी बाढ़ के साथ घोटाले की भेंट चढ़ चुका है। प्रदेश सरकार ने घाटीवार व क्षेत्रवार जरूरी मास्टर प्लान बनाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है। बाढ़ के लिहाज से संवेदनशीन ग्राम पंचायतों की खोज अबतक नहीं की जा सकी है। पिछले वर्ष यूपी में भीषण बाढ़ आने पर संवेदनशील ग्राम पंचायतों को सर्च लाइट, लाइफ जैकेट, मेगाफोन जैसे संसाधनों से लैस करने की योजना बनी थी लेकिन सरकारी उदासीनता के चलते यह अभी तक पूरी नहीं हो सकी है। 

प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि प्रदेश की सपा सरकार अगर वाकई में बाढ़ नियंत्रण कार्यक्रमों में पारदर्शिता बरत रही है तो वह बताए कि सत्ता संभालने के बाद बाढ़ नियंत्रण में खर्च की गई राशि से कितनी नदियों पर पक्के बांध बनाए गए हैं? कितने गांवों में बाढ़ की समस्या का स्थाई समाधान कर दिया गया है? असल में बाढ़ नियंत्रण में कई सौ करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है और एक बार फिर वही कहानी दोहराने की पूरी तैयारी सपा सरकार ने शुरू कर दी है।