एमिटी यूनीवर्सिटी में संगोष्ठी सम्पन्न

लखनऊ: आधुनिक युग में फैशन ने आज की दुनिया में एक नई क्रान्ति का संचार किया है। डिजाइनर कपड़ों से लेकर हाईटेक परिधानों तथा इण्डो-वेस्टर्न परिधान सभी ने अपनी तरफ ध्यान आकर्षित किया है। फैशन उद्योग का क्षेत्र अत्यन्त विस्तृत हो गया है। हम सभी के जीवन में इसका कहीं न कहीं प्रमुख स्थान है। फैशन एक स्टाइल है। आधुनिक जीवन में यह बड़ा महत्वपूर्ण हो गया है कि हमारे वस्त्र, जूते, मोबाइल आदि का भी चयन हम फैशन के अनुरूप ही करते हैं।

यह उद्गार महिला कल्याण एवं संस्कृति राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती अरूण कुमारी कोरी ने आज यहां गोमती नगर स्थित एमिटी स्कूल आॅफ फैशन टेक्नोलाॅजी एण्ड एमिटी स्कूल आॅफ फाइन आर्ट, एमिटी यूनीवसिर्टी द्वारा आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि के रूप मंे व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि आज का युग डिजिटल युग है। विगत वर्षों से जो कला क्षेत्र में दीवारें थीं, वह अब टूट चुकी हैं। एक नये युग का प्रारम्भ हो चुका है, नये-नये माध्यम जैसे कम्प्यूटर पेंटिंग, ग्राफिक्स के द्वारा नये आयाम स्थापित किये जा रहे हैं। कला प्रेमी अपने नये प्रयोगों से अपशिष्ट वस्तुओं से भी ऐसे सजावटी सामान का निर्माण कर रहे हैं जिन्हंे देखकर विश्वास नहीं होता है और हम ऐसी वस्तुओं को अपने घरों में सजाकर खुद को गौरवान्वित महसूस करते हैं।

श्रीमती कोरी ने कहा कि आज सबके बीच स्वयं को पाकर मैं अत्यन्त प्रसन्न हूँ, फैशन और ललित कला के क्षेत्र में प्रख्यात हस्तियों, शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और छात्रों की इस संगोष्ठी में खुद को सम्मानित महसूस करती हूँ। पिछले एक दशक में कला और इंडस्ट्री ने नये आयाम स्थापित किए हैं तथा इन्होंने हमारे जीवन के हर क्षेत्र को प्रभावित किया है और बदलते युग ने हमारे सोचने समझने और आंकलन करने के तरीकों में भी परिवर्तन किया है। उन्होंने कहा कि मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि इस विश्वविद्यालय से सदैव ऐसी विलक्षण प्रतिभाएं निकलती रहेंगी जो न केवल देश में वरन् विदेशों में भी भारतीय  प्रतिभा का लोहा मनवाते हुए सदैव अग्रणी भूमिका निभाएंगी।

इस अवसर पर मेजर जनरल के.के ओहरी, वाइस चांसलर, एमिटी विश्वविद्यालय, प्रो0 वी0पी0 साही, निदेशक एमिटी बिजनेस स्कूल तथा अन्य प्रतिष्ठित लोग मौजूद थे।