लखनऊ: राज्य सरकार राजस्व सम्बन्धी मामलों को त्वरित निस्तारण हेतु कृतसंकल्प है। इसी के दृष्टिगत राजस्व परिषद के विशेष प्रयासों से प्रदेश के समस्त 2,189 राजस्व न्यायालयों को कम्प्यूटरीकृत करते हुए वादों की स्थिति को जनसामान्य हेतु इण्टरनेट पर उपलब्ध कराया जा रहा है। यह जानकारी आज यहां एक राज्य सरकार के प्रवक्ता ने दी।
प्रवक्ता ने बताया कि इस प्रणाली का शुभारम्भ अप्रैल, 2013 में किया गया था। वर्तमान में इस प्रणाली पर 37 लाख 41 हजार वाद दर्ज हैं, जिनमें 27 लाख 56 हजार वाद निस्तारित भी किये जा चुके हैं एवं निस्तारण के अन्तिम आदेश भी वेबसाइट पर जनसामान्य के लिए उपलब्ध हैं।
प्रवक्ता के अनुसार वर्ष 2014 में 18 लाख 5 हजार वाद दायर किए गए थे जिसके सापेक्ष 16 लाख 23 हजार वादों को निस्तारित किया गया था। प्रवक्ता ने यह भी बताया कि माह फरवरी, 2015 में 1 लाख 39 हजार 203 वादों के सापेक्ष 1 लाख 37 हजार 219 वादों को निस्तारित किया गया।
प्रवक्ता ने कहा कि तहसील स्तर के न्यायालयों की एकीकृत कम्प्यूटराइज़्ड प्रणाली से वादों के निस्तारण का अनुश्रवण अधिक सुगम एवं सरल हो गया है। उन्होंने बताया कि वादकारियों, अधिवक्ताओं को वादों की स्थिति उपलब्ध कराने तथा न्यायालयों के पेशकार/पीठासीन अधिकारियों को नवीनतम वादों की सूचना एस0एम0एस0 के माध्यम से भेजने के लिए पोर्टल की भी व्यवस्था कर ली गयी है।
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