नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय की एक आयकर मामले में पेशी के लिए मंगलवार को वॉरंट जारी किया। राय इस समय तिहाड़ जेल में बंद हैं। इस मामले में राय पर समूह की एक कंपनी द्वारा 2013-14 आकलन वर्ष में रिटर्न दाखिल नहीं करने का आरोप है।

अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट देवेंद्र कुमार शर्मा ने राय के अलावा इस मामले में सहारा इंडिया कमर्शियल कारपोरेशन लि. के दो निदेशकों जे बी राय व रनोज दास गुप्ता की पेशी का भी आदेश दिया है। इन दोनों के खिलाफ अदालत ने जमानती वॉरंट जारी किया है, क्योंकि समन के बावजूद ये आज अदालत में पेश नहीं हुए।

अदालत ने कहा, आरोपी नंबर दो सुब्रत राय सहारा तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में हैं। संबंधित जेल अधीक्षक के माध्यम से आरोपी नंबर दो के खिलाफ पेशी वॉरंटी जारी किया जाए। इसके अलावा आरोपी नंबर तीन यानी जे बी राय तथा आरोपी नंबर पांच गुप्ता अदालत में आज पेश नहीं हुए इसलिए उनके खिलाफ संबंधित थाना प्रभारी के जरिये 10,000 -10,000 रुपए के जमानती वॉरंट जारी किया जाता है। अदालत ने अब सभी आरोपियों को 15 अप्रैल को पेश होने को कहा है। इन तीनों के अलावा आयकर विभाग ने कंपनी के एक अन्य निदेशक ओ पी श्रीवास्तव को भी आरोपी बनाया है। श्रीवास्तव ने आज अदालत में अपील कर व्यक्तिगत रूप से कारोबारी व्यस्तता की वजह से पेश होने की छूट मांगी थी। अदालत ने कहा कि आरोपी ने वकालतनामे पर आज ही दस्तखत किए हैं, इसलिए छूट का कोई आधार नहीं बनता। हालांकि, श्रीवास्तव को व्यक्तिगत रूप से पेश होने की छूट दे दी गई।   

आयकर विभाग ने इस साल 13 फरवरी को आकलन वर्ष 2013-14 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करने के लिए कंपनी और उसके निदेशकों सुब्रत राय, जे बी राय, ओ पी श्रीवास्तव व रनोज दास गुप्ता के खिलाफ अदालत में शिकायत दर्ज कराई थी। उनके खिलाफ आयकर कानून की धारा 276 सीसी के तहत मामला दर्ज किया गया है। आज सुबह अदालत में सुनवाई के दौरान कंपनी व श्रीवास्तव की ओर से अधिवक्ता पेश हुए, लेकिन जे बी राय व गुप्ता की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ।

जे बी राय और गुप्ता के खिलाफ जमानती वॉरंट जारी होने के बाद उसी अधिवक्ता ने दोनों निदेशकों को पेशी से छूट संबंधी अपील की। अधिवक्ता ने कहा कि उन्हें समन नहीं मिला। शिकायत की प्रति भी उन्हें नहीं मिली और उन्हें इस मामले की प्रक्रिया की जानकारी नहीं थी। अदालत ने हालांकि कहा कि उनके न पेश होने की कोई आधार पेश नहीं किया।