लखनऊ: अन्तर्राष्ट्रीय वन दिवस-2015 के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह के अध्यक्ष राज्यमंत्री जन्तु उद्यान, डा0 एस0पी0 यादव ने कहा कि इस प्रकार के समारोह हम सबको पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने हेतु प्रेरित व प्रोत्साहित करते हैं। अगले वर्ष से अन्तर्राष्ट्रीय वन दिवस के अवसर पर जनपद स्तर पर कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश दिया। डा0 यादव ने कहा कि बढ़ती जनसंख्या व वाहनों के कारण कार्बन डाई आॅक्साईड की मात्रा में वृद्वि हुई है जिसे न्यून करने हेतु वृक्षारोपण, वनों की सुरक्षा, प्रकृति के निकट पहुॅचने एवं पूर्वजों की भाॅति प्रकृति व वन्य प्राणियों के साथ मैत्री भाव विकसित करना आवश्यक है। श्री यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा स्थानीय निवासियों को उनके आवास के समीप हरा-भरा वातावरण उपलब्ध  कराने एवं वनों व वन्यप्राणियों के प्रति संवेदनशीलता व संरक्षण की भावना विकसित करने हेतु प्रत्येक जनपद में विकसित की जा रही हरित पट्टियों में पीपल, बरगद, पाकड़, गूलर, नीम सहित स्थानीय मृदा व जलवायु के अनुरूप 8-12 फुट ऊॅचाई के पौधे रोपित करने, पर्यावरण अनुकूल रोजगार के अवसरों में वृद्वि हेतु इको पर्यटन को प्रोत्साहन, आगरा में भालू संरक्षण केन्द्र का विकास, वनों की रक्षा करते हुए वन अपराधियों द्वारा मारे गए वन कार्मिकों के परिवारों को दस लाख रू0 मुआवजा एवं हिंसक वन्यजीवों द्वारा मनुष्यों व पशुओं को क्षति पहुॅंचाए जाने की स्थिति में आर्थिक अनुग्रह राशि में वृद्वि सहित विभिन्न कार्य किए जा रहे हैं। 

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्यमंत्री, वन, खेल एवं युवा कल्याण, फरीद महफूज किदवई ने विद्यार्थियों से कहा कि भविष्य में गुणवत्ता युक्त पानी, हवा एवं भोजन प्राप्त करते रहने के लिए आज से ही वनों व वृक्षों को बचाने की आदत डालें तथा किसी भी दशा में वृक्षों को न कटने दें। जनसंख्या वृद्वि, सड़क चौड़ीकरण औद्योगिकीकरण व विकास की अपेक्षाओं की पूर्ति हेतु झारखण्ड व पश्चिमी घाट सहित बहुमूल्य वन सम्पदा पर उत्पन्न संकट पर दुःख व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि वनों के संरक्षण व वृक्षारोपण को जन अभियान का रूप देकर ही हम अपना लक्ष्य प्राप्त करने में सफल सिद्व हो सकते है। उन्होंने वन विभाग को अच्छे कार्यो हेतु बधाई देते हुए कहा कि वनों व वन्यजीवों की रक्षा हेतु और अधिक प्रयास किए जाने की आवश्यकता है।

समारोह के विशिष्ट अतिथि कृषि उत्पादन आयुक्त एवं प्रमुख सचिव, वन व पर्यावरण श्री वी0एन0 गर्ग ने अन्तर्राष्ट्रीय वन दिवस 2015 की विशय वस्तु वन एवं जलवायु परिवर्तन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वनों का सस्टेनेबल प्रबन्ध कर जलवायु परिवर्तन की चुनौती का सामना किया जा सकता है। सम्पूर्ण विश्व में प्रति वर्ष 13 मिलियन हेक्टेयर वनों के नष्ट होने व वनों की गुणवत्ता व घनत्व में हो रहे हृास पर चिन्ता व्यक्त करते हुए श्री गर्ग ने निर्वनीकरण की कम होती दर व ग्रीन हाऊस गैसों के उत्सर्जन में 25 प्रतिशत की कमी को सकारात्मक परिवर्तन बताया। श्री वी0एन0 गर्ग ने कहा कि इस कमी का 50 प्रतिषत श्रेय ब्राजील को है। जायका परियोजना के अन्तर्गत प्रदेष के 10 वन प्रभागों में संयुक्त वन प्रबन्ध समितियों व स्थानीय जन समुदाय के सहयोग से संचालित त्म्क्क़् कार्यक्रम से वनों की गुणवत्ता व पर्यावरण में सुधार तथा ग्रामवासियों की आय में वृद्वि होगी। वन निगम व वन विभाग को अन्तर्राष्ट्रीय संस्था द्वारा स्टुवर्डशिप काउन्सिल जर्मन द्वारा वनों के उत्तम प्रबन्ध को प्रमाणित किए जाने को सस्टेनेबल वन प्रबन्ध की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया। 

प्रमुख वन संरक्षक, डा0 रूपक डे ने अभ्यागतों का स्वागत करते हुए अन्तर्राष्ट्रीय वन दिवस की पृष्ठ भूमि का उल्लेख करते हुए विश्व के परिपेक्ष्य में हमारे देश में वनावरण की स्थिति व स्थान पर प्रकाश डाला। डा0 डे ने प्रदेश में बढ़ते वनावरण पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए वनों की घटती सघनता के कारणों को विस्तार से बताया। प्रमुख वन संरक्षक ने प्रदेश की वन व वन्यजीव सम्पदा, हरित पट्टी विकास, पौधशाला प्रबन्धन, इटावा में लायन सफारी व बब्बर शेर प्रजनन केन्द्र एवं इको पर्यटन को प्रोत्साहित व प्रेरित किए जाने के प्रयासों का प्रस्तुतीकरण किया। 

समारोह में उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व पर्यावरण शिक्षण केन्द्र (सी0ई0ई0) के सहयोग से जुलाई, 2014 से संचालित ’युवा पर्यावरण लीडर’ कार्यक्रम के अन्तर्गत छात्रों द्वारा किए गए कार्यो व उनके अनुभवों को फिल्म के माध्यम से प्रदर्शित किया गया। समारोह के अध्यक्ष राज्यमंत्री जन्तु उद्यान, डा0 एस0पी0 यादव व मुख्य अतिथि राज्यमंत्री, वन, खेल एवं युवा कल्याण, श्री फरीद महफूज किदवई ने प्रदेश के युवा पर्यावरण लीडर छा़त्रों को सम्मानित किया।