28 लाख बच्चे शादीशुदा, यूनीसेफ ने कहा-हालात चिंताजनक 

लखनऊ। यूनीसेफ ने बाल विवाह को लेकर जो आंकडे पेश किए हैं वे चौंकाने वाले हैं। यूनीसेफ के मुताबिक बाल विवाह की परंपरा समाज में आज भी बनी हुई है। 2011 की जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक बाल विवाह की सबसे खराब स्थिति यूपी में ही है। यहां सबसे ज्यादा 28 लाख बच्चे शादीशुदा हैं। 2001 की जनगणना से अब तक देश में शादीशुदा बच्चों की संख्या में 10 लाख की बढ़ोतरी हुई है। यूनीसेफ ने इसे चिंताजनक माना है।

यूनीसेफ ने प्रदेश सरकार की मदद से राज्यस्तरीय परामर्श बैठक आयोजित की। इसमें बाल विवाह रोकने के लिए मौजूदा स्थिति का आकलन कर रणनीति बनाने पर चर्चा हुई। विशेषज्ञों ने माना कि पढ़ाई की उम्र में बाल विवाह के चलते लड़कियां गर्भवती हो जाती हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस समय लड़की का शरीर भी गर्भधारण के लिए तैयार नहीं होता। यह सीधे तौर पर मानवाधिकार का उल्लंघन है। कम उम्र में शादी होने से लड़की का स्कूल छूट जाता है। 18 साल से कम उम्र में शादी कर रही लड़कियों को शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताडित करने की बात भी सामने आई है।

यूनीसेफ के डिप्टी रिप्रजेंटेटिव डेविड मेक्लोफ लिन ने कहा कि बाल विवाह को विकास के एजेंडे में शामिल करना होगा। जब तक भारत जैसे विकासशील देश इसे समाप्त नहीं करते, विकास का कोई लक्ष्य पूरा नहीं हो सकता। बाल विवाह लड़कियों के भविष्य को चुनौती देता रहेगा।

यूनीसेफ की यूपी चीफ नीलोफर पॉरजांड ने कहा, पूरी दुनिया के साथ भारत सरकार ने भी बाल विवाह पर चिंता जताई है। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसे कार्यक्रम इस समस्या को खत्म करने में मददगार होंगे। यह भी सच है कि विकासशील देशों में एक तिहाई लड़कियों की शादी 18 साल से पहले कर दी जाती है। इसे रोकने के लिए सरकार, मीडिया, निजी व धार्मिक संस्थाओं को मिल कर प्रयास करने होंगे।