नई दिल्ली: एक ग्लोबल बेटिंग वेबसाइट के आंकड़े के मुताबिक भारत और बांग्लादेश के बीच होने वाले क्वार्टर फ़ाइनल मैच में भारतीय जीत की संभावना 81% है जबकि बांग्लादेश की 19% है। ये आंकड़ा भारतीय फ़ैन्स को जीत के लिए थोड़ा आश्वस्त कर सकता है।

लेकिन बांग्ला टाइगर्स वर्ल्ड कप के लीग मैचों में दहाड़ते नज़र आए हैं। ख़ासकर जिस तरह से उन्होंने पहली बार क्वार्टरफ़ाइनल में जगह बनाई है, उस टीम के कई जांबाज़ ख़तरनाक नज़र आ रहे हैं।

29 साल के महमूदुल्ला ने इससे पहले क़रीब सौ वन-डे खेलने के बाद भी कोई शतकीय पारी नहीं खेली थी, लेकिन पहले इंग्लैंड और फिर न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ सात दिनों के अंदर ही लगातार दो शतक ठोककर वो दुनियाभर के क्रिकेट जानकारों की नज़रों में आ गए। जानकार उन्हें क्वार्टर फ़ाइनल मैच में भी टीम इंडिया के लिए बड़ा ख़तरा मान रहे हैं। मौजूदा वर्ल्डकप के पांच मैचों में महमूदुल्ला ने 86 के औसत से खेलते हुए 344 रन बनाए हैं।

26 साल के मुश्फ़िकुर रहीम भारत जैसी टीम को हराने का तरीका और मतलब तब से जानते हैं जब वो सिर्फ़ 19 साल के थे। 19 साल की उम्र में उनकी अर्द्धशतकीय पारी

ने बांग्लादेश को 2007 वर्ल्डकप में ऐतिहासिक जीत दिलवाई थी। मुश्फ़िकुर का अनुभव उन्हें और ख़तरनाक बना सकता है। क़रीब डेढ़ सौ वनडे खेल चुके मुश्फ़िकुर ने मौजूदा वर्ल्ड कप के 5 में से 3 मैचों में अर्द्धशतकीय पारियां खेली हैं और अपनी टीम के लिए 271 रन जोड़े हैं।

शाकिब अल हसन को दुनिया के बेहतरीन ऑलराउंडर में से एक माने जाते हैं। शाकिब आईसीसी रैंकिंग में ऑलराउंडर्स की लिस्ट में टेस्ट में पहले और वनडे में दूसरे नंबर पर हैं। पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर भी उन्हें ख़तरनाक खिलाड़ी मानते हैं। शाकिब ने 146 वन-डे में छह शतक और 28 अर्द्धशतकीय पारियां खेली हैं।

इसके अलावा उनके नाम इतने ही मैचों में 189 विकेट हैं। मौजूदा वर्ल्ड कप में उनके नाम दो अर्द्धशतकीय पारियां हैं और उन्होंने क़रीब 5 रन प्रति ओवर की इकॉनमी

के साथ सात विकेट झटके हैं। बांग्लादेश की टीम भारत के ख़िलाफ़ अगर उलटफेर का माद्दा रखती है तो उसकी वजह उनकी टीम में शाकिब नाम के टाइगर का होना

भी है।

रेप के आरोप और ज़बरदस्त दबाव में बांग्लादेश की टीम में जगह बनाने वाले गेंदबाज़ रूबेल हुसैन की दुनिया इंग्लैंड के ख़िलाफ़ डाले गए उनके 49वें ओवर के बाद बिल्कुल बदल गई।

रूबेल अचानक विलेन से बांग्लादेश के नेशनल हीरो बन गए। इंग्लैंड के ख़िलाफ़ एडिलेड में खेले गए उस मैच में रूबेल ने स्टुअर्ट ब्रॉड और जेम्स एंडरसन के विकेट लेकर उन्हें टूर्नामेंट से बाहर का रास्ता दिखा दिया। अबतक 58 वन-डे मैचों में 76 विकेट लेनेवाले मध्यम तेज़ गेंदबाज़ रूबेल हुसैन ज़बरदस्त फ़ॉर्म में हैं। भारत के ख़िलाफ़ उनके पास एक बार फिर महानायक बनने का शानदार मौक़ा है।

कप्तान मशरफ़े मुर्तज़ा ने आठ साल पहले 17 मार्च 2007 को पोर्ट ऑफ़ स्पेन में खेले गए मैच में 38 रन देकर चार विकेट झटके थे। मौजूदा वर्ल्ड कप के चार मैचों में मुर्तज़ा ने पांच से कम रन प्रति ओवर रन खर्चते हुए छह विकेट झटके हैं। भारत को हराने के लिए कप्तान मुर्तज़ा प्रेरणा भरी पारी ज़रूर खेलना चाहेंगे।

इन सबके अलावा ओपनर तमीम इक़बाल, युवा गेंदबाज़ तस्कीन अहमद, स्पिन गेंदबाज़ नासिर हुसैन, टॉप ऑर्डर बल्लेबाज़ सौम्य सरकार, मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज़ सब्बीर रहमान – ये सभी खिलाड़ी अपने दिन किसी भी विपक्षी टीम के ख़िलाफ़ ख़तरा बनाने का माद्दा दिखा रहे हैं। फ़िलहाल टीम इंडिया टॉप पांच बांग्ला टाइगर्स को ध्यान में रखकर रणनीति ज़रूर बना रही होगी।