बलरामपुर अस्पताल के डा. नरेन्द्र देव द्वारा मरीज़ों से अभद्रता की उच्च अधिकारीयों से शिकायत  

लखनऊः धरती पर दूसरे भगवान का दर्जा रखने वाले डाक्टरों द्वारा अपने पवित्र पेशे के प्रति लापरवाही और रोगी के प्रति संवेदनहीनता की खबरें आये दिन समाचार पत्रों में पढ़ने को मिलती हैं। ताजा प्रकरण बलरामपुर अस्पताल का है जहां एक डाक्टर द्वारा जीवन और मृत्यु की लड़ाई रहे एक मरीज और उसके तीमारदारों से अभद्रता और उसे अस्पताल से बाहर फेंक देने की बात कही गयी। जिला सीतापुर के जैतानपुर गांव निवासी श्रीमती गीता देवी ने सुपर स्पेशलिटी वार्ड में तैनात डा. नरेन्द्र देव पर रोगी व परिजनों पर अभद्रता और धमकी देने का आरोप लगाया है। श्रीमति गीता देवी के अनुसार डा. नरेन्द्र देव की अभद्रता और बदसूलूकी का सिलसिला 3 मार्च से शुरू हुआ जो आजतक लगातार जारी है। मजबूरन श्रीमति गीता देवी को इस बारे में मेडिकल हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयरए प्रिंसिपल सेक्रेटरी मेडिकल हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयरए मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया और निदेशक ए बलरामपुर हॉस्पिटल को लिखकर मरीज के साथ होरही लापरवाही और अभद्रता लिखित शिकायत दर्ज कराकर अनुरोध किया गया है कि किसी दूसरे डाक्टर द्वारा रोगी का इलाज कराया जाय।

बलरामपुर में अपने साथ हुई सम्पूर्ण घटनाओं का उल्लेख करते हुए श्रीमति गीता देवी ने शिकयती पत्र में लिखा है कि मेरे पति जो कि आंख से अंधे एवं गुर्दा रोग से पीड़ित हैं को गंभीर हालत में २३ फ़रवरी २०१५ को बलरामपुर अस्पताल के इमरजेंसी  में भरती किया गया था तथा २४ फ़रवरी को मरीज को सुपर स्पेसिअलिटी के वार्ड नंबर ४०८ में बेड नंबर ४ पर डॉ नरेन्द्र देव की देख रेख में इलाज चल रहा है

3 मार्च २०१५ की रात लगभग ८ बजे मरीज के सीने में भयंकर दर्द उठा मरीज की तड़पन इतनी गंभीर थी की  बचने की कोई उम्मीद नहीं लग रही थी कई बार बेड से नीचे गिरते गिरते बचा मै घबराई ए रोती चिल्लाती  हुई नर्स से डॉ को बुलाने की मदद की गुहार लगाई नर्स ने कहा की मई मरीज के अन्दर थोथोदी न घुस जाउंगी और मदद करने से मना कर दिया

इसके बाद लखनऊ में मेरे गार्जियन प्रमिल द्विवेदी को फ़ोन कर अवगत कराया तब उन्होंने डॉ नरेन्द्र देव से फ़ोन कर मदद करने का अनुरोध किया तो डॉ नरेन्द्र देव ने कोई मदद नहीं की उलटे फ़ोन पर उनसे से भी अभद्रता की

इस घटना के अगले दिन ४ मार्च २०१५ को डॉ नरेन्द्र देव वार्ड में आकर फ़ोन की बात को लेकर  मरीज और मुझसे अभद्रता कर अपमानित किया और धमकी दी की मरीज को दो मिनट में बाहर फिकवा दूंगा किसी की औकात नहीं जो इसे यहाँ रोक सके ए और अब  तुम्हारा मरीज बचेगा नहीं मर जायेगा ए सिस्टर से कहा की इसका कागज तैयार करो इसको अस्पताल से बाहर निकालो और चेतावनी दी की अगर किसी से शिकायत की तो अंजाम बहुत बुरा होगा इस घटना से किसी अनहोनी के दर से मरीज और परिजन बुरी तरह से डरे और सहमे हुए हैं 

४ मार्च से लेकर अबतक बलरामपुर में तैनात असंवेदनशील ए असभ्य और लापरवाह नेफ्रोलोलोगिस्ट डॉ नरेन्द्र देव आये  दिन वार्ड में आकर मुझे और मरीज को मर जाने की धमकी देता है ए सबके सामने अभद्रता कर अपमानित करता है रोज रोज सिस्टर को को बुलाकर डिस्चार्ज पेपर पर जबरन दस्तखत करने  का दबाव बनाता है ए तथा इलाज में घोर लापरवाही देखी जा सकती है

मरीज की मजबूरी को देखते हुए अभद्र डॉ नरेन्द्र देव मुझसे ब्लड का इंतजाम तत्काल करने के लिए दबाव बनाने लगा जब मैंने दौड़ धूपकर ब्लड का इंतजाम कर लिया तो इस लापरवाह ने कहा ब्लड चढ़ाने की कोई जरुरत नहीं है अब ब्लड नहीं चढ़ाएंगे मरीज तो वैसे ही मर जायेगा

 डॉ नरेन्द्र देव अपनी ड्यूटी से गायब रहता है इसका पता तब चला जब हमारे परिजनों ने इससे मिलने की डॉ बार कोशिश की दोनों बार यह ड्यूटी से नदारत मिला तब दुसरे डॉक्टर्स से मुलाकात कर मरीज के इलाज बारे में सलाह व जानकारी ली गयी तथा डॉ नरेन्द्र की करतूत के बारे भी चर्चा की गयी

आज पुनः असभ्य और असंवेदनशील डॉ नरेन्द्र देव वार्ड में आया और मरीज तथा मुझ पर जोर जोर से चिल्लाने लगा और कहने लगा तुम लोग अभी तक यहीं पड़े हो ए सिस्टर से कहा भगाओ इसको यहाँ से ए अपमानित करते हुए कहा की इसकी यहाँ चवन्नी तक खर्च नहीं हो रही है इसीलिए यहाँ पड़ा हुआ है और धमकी  दी आधे घंटे के अन्दर इसको वार्ड से निकाल कर सड़क पर फिकवा देंगे द्य बेइज्जती ए जलालत और डॉ की रोज रोज की बत्तमीजी से आजिज आकर डॉ नरेन्द्र देव की शिकायत निदेशक बलरामपुर से मिलकर की है उन्होंने न्याय  का भरोसा दिया है

डॉ नरेन्द्र देव जैसे लापरवाह ष् असभ्य और असंवेदनशील चिकित्सक व्यवस्था के लिए एक बदनुमा दाग हैं और चिकित्सकीय जगत के लिए कलंक है इसको शायद यह नहीं मालूम की इसको मरीजों की देखभाल और इलाज के लिए रखा गया है न की दबंगई के लिए ए इसको इसकी इस करतूत के लिए कठोर से कठोर दंड मिलना चाहिए जो दूसरों के लिए नज़ीर बन सके

आपसे सविनय निवेदन है की मेरे मरीज को इस बर्बर डॉक्टर नरेन्द्र देव के चंगुल से छुड़ाकर किसी अन्य डॉक्टर्स की देखरेख में रखा जाये जिससे मरीज का सुचारू रूप से इलाज हो सके क्योंकि  डॉ नरेन्द्र से मुझे मेरे मरीज की जान का खतरा है