राज्य आकस्मिकता निधि से दिए 200 करोड़ रु0 अवमुक्त करने के निर्देश, वसूली स्थगित, उत्पीड़नात्मक कार्यवाही पर भी रोक

लखनऊ:उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बेमौसम बारिश एवं ओलावृष्टि से फसलों को हुई भारी क्षति से उत्पन्न स्थिति को गम्भीरता से लिया है। उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में प्रदेश सरकार किसानों को हर सम्भव मदद पहुंचाने के लिए गम्भीर है। उन्होंने मुख्य सचिव को किसानों को तत्काल सहायता राशि वितरित करने के निर्देश देते हुए कहा है कि क्षति का आकलन सहायता राशि वितरण के साथ ही सम्पन्न किया जाए, जिससे किसानों को शीघ्र सहायता राशि मिल सके। 

यह जानकारी देते हुए शासन के प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि मुख्यमंत्री ने राज्य आकस्मिकता निधि से तत्काल 200 करोड़ रुपये अवमुक्त करने के निर्देश मुख्य सचिव को देते हुए कहा है कि मुख्यदेयों की वसूली तत्काल स्थगित की जाए तथा वसूली में किसी भी प्रकार की उत्पीड़नात्मक कार्यवाही पर रोक लगाई जाए। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा नुकसान के सापेक्ष दी जाने वाली दैवीय आपदा राहत राशि से दो गुना अधिक राशि 

राज्य सरकार द्वारा अपने संसाधनों से किसानों को उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित किया जाए। 

मुख्यमंत्री ने कृषि विभाग को भी निर्देशित किया है कि जिन स्थानों पर फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं वहां किसानों को वैकल्पिक फसल प्राप्त करने के लिए बड़े पैमाने पर तत्काल जायद फसलों के लिए गुणवत्तायुक्त बीज वितरित किए जाए। इसके अलावा उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि यदि किसी किसान की बेमौसम बरसात तथा ओलावृष्टि के कारण असमायिक मुत्यु हुई है तो ऐसे किसान के परिवार को 05 लाख रुपये की धनराशि तत्काल आर्थिक सहायता के रूप में दी जाए। 

मुख्यमंत्री ने बेमौसम बरसात से हुए नुकसान की जानकारी प्राप्त करते हुए निर्देशित किया है कि सबसे अधिक प्रभावित 25 जनपदों में सहायता राशि वितरित करने के लिए प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारियों को नामित किया जाए और उन्हें निर्देशित किया जाए की कि वे तत्काल मौके पर पहुंचकर अपने समक्ष राहत राशि का वितरण सुनिश्चित कराएं। उन्होंने इस मामले में किसी भी स्तर पर लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही करने की बात भी कही।