मुख्यमंत्री ने उठाया ‘आजमगढ़ महोत्सव’ में सांस्कृतिक संध्या आनंद 

लखनऊ:मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश को समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और पारम्परिक हस्तशिल्प का राज्य बताते हुए कहा है कि इस प्रदेश के कई जनपद कला, संस्कृति और हस्तशिल्प के क्षेत्रों में खास मुकाम रखते हैं। उन्होंने कहा कि आजमगढ़ जनपद की अपनी समृद्ध सांस्कृतिक परम्परा है और इस जनपद के साथ-साथ संगीत, बुनकरी व पाॅटरी से ताल्लुक रखने वाले इसके तीन गांवों हरिहरपुर, मुबारकपुर और निजामाबाद को विकसित कर सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। उन्होंने इन स्थानों पर पर्याप्त विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित किए जाने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सांस्कृतिक विरासत को कायम रखने एवं हस्तशिल्प को प्रोत्साहित करने के लिए हर सम्भव मदद की जाएगी।

मुख्यमंत्री आज यहां गोमती नगर स्थित पर्यटन भवन के सभागार में ‘आजमगढ़ महोत्सव’ के अन्तर्गत आयोजित सांस्कृतिक संध्या के शुभारम्भ अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि आजमगढ़ जनपद की खूबियों से लोगों को अवगत कराने के उद्देश्य से महोत्सव का आयोजन किया जाना सराहनीय है। उन्होंने कहा कि समाजवादी सरकार ने हमेशा स्थानीय कला, संस्कृति व हस्तशिल्प को बढ़ावा देने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि राज्य के तमाम जिले हस्तशिल्प के कारण अपनी खास पहचान रखते हैं, चाहे सहारनपुर में लकड़ी का फर्नीचर हो या मुरादाबाद के पीतल का कार्य। इसी प्रकार भदोही की कालीन और फिरोजाबाद की चूडि़यों की भी अपनी अलग पहचान है।

श्री यादव ने आजमगढ़ महोत्सव को एक अच्छी शुरुआत बताते हुए उम्मीद जाहिर की कि यह महोत्सव आने वाले वर्षों में आजमगढ़ की समृद्ध संस्कृति और परम्पराओं से लोगों को रूबरू कराने में कामयाब होगा। उन्होंने इस आयोजन के लिए इण्डियन ट्रस्ट फाॅर रूरल हेरिटेज एण्ड डेवलेपमेन्ट तथा प्रदेश के पर्यटन विभाग को बधाई दी और कहा कि इसके माध्यम से आजमगढ़ जनपद की सांस्कृतिक और शिल्प सम्बन्धी खूबियां लोगों के सामने आएंगी। उन्होंने आजमगढ़ में साड़ी केन्द्र की धीमी प्रगति पर असंतोष जाहिर करते हुए निर्देश दिए कि इस कार्य को तेजी से पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि इस केन्द्र के लिए समाजवादी सरकार के पहले ही बजट में 5 करोड़ रुपए की धनराशि मंजूर की गई थी। इस सन्दर्भ में उन्होंने लखनऊ हाट का जिक्र करते हुए कहा कि यह हाट 25 एकड़ की भूमि में बन रहा है और इसके लिए धन की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि स्थानीय उत्पादों और उत्पादकों के लिए अपना बाजार योजना चलाई गई है। नोएडा में 10 एकड़ भूमि पर बुनकर बाजार बनाया जा रहा है। गाजियाबाद में भी इसी प्रकार का बाजार बनेगा। उन्होंने कहा कि भदोही के कालीन उद्योग के निर्यात सम्बन्धी प्रोत्साहन के लिए पहले 25 करोड़ रुपए और फिर 50 करोड़ रुपए की धनराशि मुहैया कराई गई है।

मुख्यमंत्री ने सांस्कृतिक संध्या में हरिहरपुर संगीत घराने के मशहूर कलाकार पण्डित भोलानाथ मिश्र द्वारा राग श्याम कल्याण पर आधारित प्रस्तुति को सुना। आरम्भ में उन्होंने दीप प्रज्ज्वल कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। 

मुख्यमंत्री ने महोत्सव के अन्तर्गत आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। इस दौरान उन्होंने साड़ी निर्मित करने वाले बुनकरों, पाॅटरी उद्योग से जुड़े हस्तशिल्पियों, कारीगरों तथा विक्रेताओं से बातचीत की। उनकी कार्य पद्धति के बारे में जानकारी प्राप्त करते हुए उत्पादों के विपणन के विषय में भी पूछा तथा उनकी समस्याओं को दूर किए जाने के सम्बन्ध में निर्देश दिए। 

इस अवसर पर इण्डियन ट्रस्ट फाॅर रूरल हेरिटेज एण्ड डेवलेपमेन्ट के अध्यक्ष श्री एस0के0 मिश्रा ने कहा कि आजमगढ़ महोत्सव का उद्देश्य यह है कि इस जनपद की पाॅटरी, संगीत और बुनकर कला सिर्फ वहां के गांवों तक न सीमित रहे, बल्कि इनके बारे में सभी को जानकारी प्राप्त हो। उन्होंने कहा कि यह आयोजन प्रतिवर्ष कराए जाने पर विचार होगा। ट्रस्ट के उपाध्यक्ष डाॅ0 योगेन्द्र नारायण ने कहा कि हमें अपनी समृद्ध विरासत को सहेजकर रखना है। उन्होंने कहा कि आजमगढ़ के गांवों केे विकसित होने से वहां के कलाकार और हस्तशिल्पी अपनी जड़ों से जुड़े रहकर कार्य करेंगे। 

इस मौके पर राजनैतिक पेंशन मंत्री श्री राजेन्द्र चैधरी, मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन, सचिव पर्यटन श्री अमृत अभिजात सहित वरिष्ठ अधिकारी, मीडियाकर्मी तथा गणमान्य नागरिक मौजूद थे।