लखनऊ: पिछड़ा समाज महासभा ने पिछड़ों दलितों मुसलमानों और आदिवासियों और गरीबों से अपील की है कि 3 प्रतिशत लोगों के गुलामी छोड़ कर अपने आर्थिक सामाजिक व शैक्षिक स्वतंत्रता के साथ केन्द्र और राज्य में सत्ता हासिल करने के लिए एकजुट होकर कोशिश करें ताकि मूल निवासियों की सरकार देश में स्थापित हो सके ण्या जानकारी आज यहां जारी एक संयुक्त बयान में पिछड़ा समाज महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अहसानुल हक मलिक व राष्ट्रीय महासचिव शिव नारायण कुशवाहा ने दी।
दोनों नेताओं ने यह भी बताया कि इन तीन प्रतिशत लोगों ने देश के मूल निवासियों को गुलाम बनाने के लिए न्यायिक व्यवस्था कार्य मलैक्टरीए पैरा मलैक्टरी अंतरराष्ट्रीय कंपनियोंए निजी क्षेत्रों से बाहर करने के लिए हर तरह से रणनीति अपनाए और आज भी उनके साथ अन्याय हो रहा है।
दोनों नेताओं ने यह भी बताया कि वंचित समाज का बच्चा किसी क्षेत्र में परीक्षा पास कर लेता है तो उसे इंटरव्यू में बाहर किया जाता है। आज भी राजकया कॉलेजों में शिक्षा की स्थिति बहुत ख़राब है यही हाल स्वास्थ्य केंद्रों का भी है। आज हजारों गरीब दवा की कमी से मर रहे हैं ण्किसान हर आधे घंटे में आत्महत्या कर रहा है ण्दलतों और पिछड़ों को दिनदहाड़े नंगा करके घुमाया जानाए फसाद कराकरिलाकह क्षेत्र कोबरबाद देना आतंकवादी आतंकवाद के नाम पर सभी निर्दोषों को जेल के सलाखों के पीछे डाल देना उन सभी अन्याय के खिलाफ जब तक पिछड़े दलित मुस्लिम ीकजट हो करजदोजौत नहीं करेंगे तब तक उन लोगों के जीवन में सुधार नहीं आएगी।
दोनों नेताओं ने यह भी बताया कि जब यह गरीब अपने मौलिक अधिकारों के लिए सड़क पर उतरता है तो सरकारें प्रशासन द्वारा उन पर अधिक अत्याचार कराती हैं ताकि वे अपने अधिकारों के लिए आवाज भी बुलंद न कर सकें।
दोनों नेताओं ने यह भी बताया कि पिछड़ा समाज महासभा पिछड़ों को न्याय दिलाने के लिए आंदोलन कर रहा है और अब इसे राष्ट्रीय स्तर पर चलाया जाएगा। जब तक उन्हें न्याय और अधिकार नहीं मिलेगा तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा।
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