नई दिल्ली। भारतीय विदेश सचिव एस जयशंकर के पाकिस्तान दौरे के कुछ दिन बाद ही पाकिस्तान के राजदूत अब्दुल बासित ने सोमवार को हुर्रियत नेता सईद अली शाह गिलानी से मुलाकात की। दिल्ली स्थित गिलानी के आवास पर दोपहर दोनों के बीच लगभग 30 मिनट तक मुलाकात हुई। इस मुलाकात के दौरान विदेश सचिव की इस्लामाबाद यात्रा के बारे चर्चा करने के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर की मौजूदा स्थिति के बारे में भी बातचीत हुई, जहां अलगाववादी नेता मसरत आलम की रिहाई को लेकर राजनीतिक उथल-पुथल मची हुई है।

जयशंकर पिछले मंगलवार को इस्लामाबाद की यात्रा पर थे। इस दौरान विदेश सचिव जयशंकर और पाकिस्तानी विदेश सचिव एजाज अहमद चौधरी ने भारत-पाक के बीच ठप्प पड़ी बातचीत को शुरू करने के तरीकों पर चर्चा की। जयशंकर ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात की और मोदी द्वारा भेजा गया पत्र दिया।

गिलानी ने कहा कि पाकिस्तानी राजदूत ने बैठक के दौरान जयशंकर से कश्मीर से जुड़े सभी मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने कहा, अगर हम कश्मीर के मुद्दों का हल निकाल लेते हैं तो सभी मुद्दें आसानी से सुलझ जाएंगे। पाकिस्तानी राजदूत ने गिलानी के साथ मुलाकात में मसरत की रिहाई के मुद्दे पर चर्चा की। एक अलगाववादी नेता जो 2010 से कश्मीर में पत्थरबाजी का नेतृत्व करने के आरोप में बारामूला जेल में बंद था। जिनको मुफ्ती सरकार ने रिहा कर दिया है।

संसद में विपक्ष के हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि अलगाववादी की रिहाई अस्वीकार्य थी और यह निर्णय केन्द्र सरकार की सहमति के बिना लिया गया था। पीएम मोदी ने लोकसभा में कहा, “अलगाववादी नेता की रिहाई को लेकर मैंने भी आवाज उठाई थी। यह आवाज केवल एक पार्टी की नहीं बल्कि पूरे देश की है। साथ ही उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा को लेकर कोई कोताही नहीं बरती जाएगी।