लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान ने असामयिक बरसात और ओलावृष्टि से हुयी किसानों की फसल की बरबादी के कारण किसानों द्वारा आत्महत्या किये जाने पर चिंता व्यक्त करते हुये कहा कि एक तो पहले ही किसान केन्द्र और प्रदेश सरकार के किसान विरोधी आचरण से भुखमरी के कगार पर पहुंच गया है और ओलावृष्टि व बरसात होने से उस पर दोहरी मार पड़ गयी है जिससे उसकी कमर टूटती जा रही है और किसान आत्महत्या कर रहा है।  

चौहान ने कहा कि ओलावृष्टि से किसानों की आलू, गेहूं, सरसों, चना, मटर आदि फसले बर्बाद हो गयी हैं जिससे उसमें घोर निराशा छा गयी है उन्होंने प्रदेश सरकार से मृतक किसानों के परिजनों को 10-10 लाख रूपये के मुआवजा देने के साथ साथ किसानों के समस्त ब्याज तथा ऋण माफ करने तथा फसल बीमा से मिलने वाले राहत के प्रावधान का सरलीकरण करके किसानों को फसल की क्षतिपूर्ति दिलाने की पहल करने की मांग की। जिससे किसानों की दुर्दशा में सुधार हो सके। उन्होंने आगे कहा कि इस समय किसानों पर चैतरफा मार पड़ रही है क्योंकि केन्द्र एवं प्रदेष दोनों सरकारों ने अपने बजट में किसानों की जी भर के अनेदखी की है। उन्हें सभी प्रकार की सुविधाओं से वंचित रखा है और उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने का काम किया है।

श्री चैहान ने आगे कहा कि देश एवं प्रदेश के विकास में किसानों का अतुलनीय योगदान होता है क्योंकि किसान उगाता है तभी देश खाता है परन्तु इस समय किसानों को सिर्फ छला जा रहा है। उनकी जमीन हथियाने के लिए सरकारें आपस में मिलकर षड़यंत्र रच रही हैं।