लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने भी केंद्र की तरह अपने कर्मचारियों और पेंशनर्स का जनवरी से प्रस्तावित महंगाई भत्ता और पेंशनरों की महंगाई राहत राशि पर रोक लगाने का ऐलान किया है। सरकार ने राज्य कर्मचारियों के 6 तरह के भत्तों पर रोक लगाई हैं। यह रोक अगले साल जून 2021 तक लगाई गई है।

यूपी सरकार के इस फैसले से राज्य के 16 लाख से ज्यादा कर्मचारी प्रभावित होंगे। वहीं,11.82 लाख पेंशनर्स पर असर पड़ेगा। सरकार ने बढ़े हुए महंगाई भत्ते के साथ जिन भत्तों रोक लगाई है, उनमें सचिवालय भत्ता, नगर प्रतिकर भत्ता, पीडब्ल्यूडी में रिसर्च अर्दली डिजाइन भत्ता, सिंचाई विभाग में आईएंडपी और अर्दली भत्ता, पुलिस विभाग में मिलने विशेष भत्ता शामिल है।

सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाला महंगाई भत्ता सरकार साल में दो बार बढ़ाती है। पहली वृद्धि जनवरी और दूसरी जुलाई में की जाती है। ये बढ़ोतरी 3 से 5 फीसदी तक की जाती है। इस बढ़ोतरी को सरकार ने जून, 2021 तक रोक दिया है। यानी कुल 3 बढ़ोतरी का लाभ कर्मचारियों को नहीं मिल पायेगा।

इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस वर्ष सभी धर्म गुरुओं ने मुस्लिम भाइयों से घर पर ही रहकर नमाज अदा करने की अपील की है। यह सुनिश्चित किया जाए कि कहीं भी कोई कार्यक्रम/आयोजन न हो। सामूहिक कार्यक्रम न हो, क्योंकि इससे कोरोना संक्रमण फैलने की पूरी सम्भावना है। उन्होंने कहा कि आगामी 30 जून तक किसी भी सार्वजनिक समारोह की अनुमति न दी जाए। उसके बाद परिस्थितियों पर विचार करते हुए कोई निर्णय लिया जाएगा।

इससे पहले केंद्र सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनर्स के 1 जनवरी 2020, उसके बाद 1 जुलाई 2020 और 1 जनवरी 2021 से बढ़ने वाले महंगाई भत्ते पर रोक लगा दी थी। इसके साथ ही सरकार ने ये भी साफ कर दिया है कि आगे चलकर ये बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता एरियर के तौर पर भी नहीं मिलेगा। सरकार का यह फैसला बढ़े हुए महंगाई भत्ते के लिए है। मौजूदा दरों पर महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की किस्त का भुगतान किया जाता रहेगा। सरकार के इस फैसले से 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 61 लाख पेंशनभोगियों पर असर पड़ेगा।