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मजदूरों के लिए राष्ट्रीय नीति बनाने के लिए उपवास

आज अखिल भारतीय ट्रेड यूनियंस के राष्ट्रीय आह्वान पर अपने घर पर उपवास किया और देशभर के प्रवासी श्रमिकों कामगारों के हितों के लिए सरकार से राष्ट्रीय नीति बनाने समेत उनके परिवारों को तत्काल न्यूनतम 10000 रुपए की राहत मुफ्त राशन देने उनकी सकुशल घर वापसी की मांग की।सरकार ध्यान देकि लाकडाउन के बाद मनरेगा ही गाँवो में रोजगार का एक माध्यम बचा है लेकिन पर्याप्त बजट आवंटन न होने के कारण बकाया मजदूरी की समस्या हर साल बनी रहती है इसके लिए बजटआवंटन कमसे कम तीन गुना बढ़ाना होगा।सरकार के आशास्त्री हेलीकॉप्टर मनी की चर्चा कर रहे हैं मनरेगा लागू होने से पहले भी मनरेगा की आलोचना करते हुए बहुत से अर्थशास्त्री मनरेगा के बजाय हेलीकॉप्टर मनी की चर्चा करते हुए मनरेगा के मजाक उड़ाते हुएउनका कहना था कि करोड़ों रुपए पंचायतों को देने के बजाय इसे हवाई जहाज में भर के पूरे देश में बिखेर दिया जाए वह तब भी अपनी ख्याली मानसिकता में जी रहे थे ।अभी हेलीकॉप्टर मनी की चर्चा शुरू हुई है जिसका मतलब है कि बैंकों को पैसा दिया जाए और बैंक के आम आदमी को धन उपलब्ध कराएं ताकि वह निवेश करें जिससे मार्केट में धन की तरलता बड़े और मंदी से बचा जा सके यहां पर हम कहना जाएंगे की हेलीकॉप्टर मनी जैसी व्यवस्था घनी आबादी अरबों की आबादी वाले देश में सफल नहीं हो सकती हेलीकॉप्टर मनी का कंसेप्ट से बेहतर है की मनरेगा जिसके पास 13 करोड़ परिवारों का यानी लगभग 65 करोड़ जनता का सीधा जुड़ाव है,तो फिर ऐसे में मनरेगा ही वो जरिया है जिसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों के जल संसाधनों कृषि मार्ग संसाधनों एवं कृषि उपयोगी खाद्य भंडारों एवं कचरा निस्तारण समेत दर्जन भर कार्य किए जा सकते हैं। इसलिए जो अर्थशास्त्री हेलीकॉप्टर मनी के चर्चा में मशगूल है उन्हें मनरेगा के इन्फ्राएस्ट्रक्चर, मनरेगा की कार्यनीति और मनरेगा का आउटपुट देखना चाहिए और सरकार से मनरेगा के बजट आवंटन को कम से कम तीन चार गुणा करने की मांग करनी चाहिए ताकि 70फीसदी आबादी समेटे ग्रामीण भारत में मजदूरों की ग्रामीणों की क्रय शक्ति बढे जब उनकी क्रय शक्ति बढ़ेगी तो उत्पादन की जरूरत होगी तो फिर फैक्ट्रियों में काम होगा तो मजदूरों को फैक्ट्रियों में भी काम मिलेगा तभी देश की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी, अन्यथा की स्थिति में अर्थव्यवस्था को बचाना मुश्किल होगा मंदी से निपटना मुश्किल होगा, मंदी से बचाने का एक आसान जरिया है मनरेगा 70%भारत को तो पूरी तरीके से मनरेगा मंदी से बचा सकती है।आज देश की अर्थव्यवस्था बचाने के लिए संविधान सम्मत समाजवादी आर्थिक नीतियों की आवश्यकता है। जब तक देश के अंदर लोक कल्याणकारी समाजवादी मॉडल को अपनाया नहीं जाता तब तक समस्याओं का समाधान मुश्किल होगा

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