रांची: कोरोना वायरस के बढ़ते कहर के बीच रांची के रिम्‍स में भर्ती चारा घोटाला के मामलों के सजायाफ्ता कैदी राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को बड़ा झटका लगा है। उन्हें पैरोल पर जेल से रिहा होने की इजाजत नहीं मिल पाया। हेमंत सरकार ने लालू प्रसाद यादव पैरोल पर रिहा होने वाली मांग को ठुकरा दिया है। यह फैसला झारखंड सरकार की कैबिनट ने लिया है। बताया जा रहा है कि नियमों की पेच में फंसी सरकार इस मसले पर निर्णय नहीं ले सकी।

इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने भी झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से इस संबंध में बात की है। वैसे तो लालू प्रसाद यादव को पैरोल पर रिहा किए जाने की चर्चा लंबे अरसे से चल रही है। लेकिन झारखंड सरकार के अधिकारियों ने इस मामले पर अब तक कोई ठोस पहल नहीं की। इससे पहले हेमंत सरकार के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा था कि लालू प्रसाद यादव को पैरोल पर छोड़ा जाएगा। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन की दलील दी जा रही है।

झारखंड सरकार में कांग्रेस कोटे से मंत्री बादल ने लालू प्रसाद यादव को जेल से निकालने की खुले तौर पर पैरवी की थी। उन्होंने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को पैरोल पर जल्द से जल्द निकालने पर जोर देते हुए कहा कि लालू प्रसाद यादव की उम्र 70 वर्ष से अधिक है। उन्हें संक्रमण फैलने का पूरा खतरा है। ऐसे में उन्हें कैदी की तरह रखना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की भी इस बाबत स्पष्ट गाइडलाइन है।