नई दिल्ली: कोरोनावायरस कारण पूरी दुनिया गंभीर मंदी की चपेट में आ सकती है। विश्व व्यापार संगठन प्रमुख रोबर्टों ऐजेवेदो ने कहा कि आज दुनिया जिस वायरस का सामना कर रही है वह उसे गंभीर मंदी में ले जा सकता है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से पैदा होने वाली मंदी 2008-09 के वित्तीय संकट से कहीं बड़ी होगी।

जेवेदो ने जिनीवा में यह बात कही। उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि सतत आर्थिक वृद्धि के लिए जो भी उपाय हैं, उनका इस्तेमाल करें ताकि हालात में बदलाव लाया जा सके।

WTO ने कहा कि कोरोनावायरसके कारण वैश्विक व्यापार के 2020 में एक तिहाई तक घटने की आशंका है। संगठन ने एक बयान में कहा, ‘विश्व व्यापार में 2020 में 13 फीसदी से लेकर 32 फीसदी तक की गिरावट आने की आशंका है। इसका कारण कोरोनायरस के कारण सामान्य आर्थिक गतिविधियां और जीवन बुरी तरीके से प्रभावित होना है।’संगठन ने यह भी कहा कि 2021 में विश्व व्यापार में 20-24 पर्सेंट के रीबाउंड की उम्मीद है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि कोरोनावायरस कितने समय तक रहता है। बहरहाल इस रिकवरी को लेकर जो अनुमान हैं वे भी अनिश्चित हैं।

WTO प्रमुख ने कहा कि इस संकट से निपटने में किसी देश के अकेले काम करने से बेहतर नतीजे मिलकर काम करने में सामने आएंगे। एक्सपर्ट्स का मानना है कि ऐसे हालात में तकरीब हर रीजन में ट्रेड की गिरावट दोहरे अंकों में होगी। खासतौर से उत्तरी अमेरिका और एशिया ज्यादा प्रभावित होंगे, इनके एक्सपोर्ट को बड़ी चोट लग सकती है।

तकरीबन सभई सेक्टरों पर कोरोना का असर देखने को मिलेगा लेकिन सबसे ज्यादा असर इलेक्ट्रॉनिक और ऑटोमोटिव प्रॉडक्ट्स पर दिखाी देगा। इनके व्यापार में तेजी से गिरावट आएगी। सर्विस ट्रेड पर असर डायरेक्ट नजर आएगा क्योंकि ट्रांसपोर्ट और ट्रैवल तकरीबन पूरी तरह से ठप हैं।