नई दिल्ली: कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप की वजह से पूरा विश्व लॉकडाउन हो चुका है। ऐसे में अब अधिकांश देश में इस महामारी की वजह से लोग अपनी जान गवां रहे हैं।

इस ग्लोबल लॉकडाउन के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर एक बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने चीन के साथ द्विपक्षीय वार्ता को लेकर कुछ बातें कही हैं। उन्होंने अपने बयान में कहा, 'हम और चीन कोरोना वायरस का साथ मिलकर मुकाबला कर रहे हैं। इस विषय में चीन के स्टेट काउंसिलर और विदेश मंत्री वांग यी के साथ चर्चा हुई।

इस डोमेन में हम द्विपक्षीय प्रयासों पर और निर्माण करने के लिए सहमत हुए हैं। इसके साथ हमने आगामी जी-20 शिखर सम्मेलन पर विचार व्यक्त किए। वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए वैश्विक सहयोग की आवश्यकता है। मौजूदा वक्त में कोरोना वायरस की इस महामारी के बीच चुनौतियों से निपटने के लिए वैश्विक सहयोग की जरूरत है।'

वैसे विदेश मंत्री एस जयशंकर लगातार विदेश में फंसे भारतीयों पर अपनी नजर बनाए हुए हैं। वह इसकी निगरानी कर रहे हैं कि सभी को सुरक्षित वापस कैसे लाना है। ऐसे में किर्गिस्तान मेडिकल कॉलेज में अध्ययनरत छत्तीसगढ़ के विद्यार्थियों को अब वापस लाने की कवायद तेज हो गई है।

दरअसल, रामानुजगंज विधायक बृहस्पति सिंह ने कुछ समय पहले इन छात्रों को वापस लाने की मांग की थी, जिसके बाद विधायक के आग्रह पर राज्यपाल अनुसुइया उइके ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र प्रेषित कर किर्गिस्तान में फंसे भारतीय छात्रों को वापस लाए जाने अनुरोध किया था।