आमतौर पर कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। इसके अलावा खुली हवा में खांसने या छींकने से, संक्रमित व्यक्ति से हाथ मिलाने या गले लगने से, किसी संक्रमित वस्तु या सतह को छूने से।

कोरोना वायरस प्लास्टिक और स्टील जैसी सतहों पर तीन दिनों तक जीवित रह सकता है? इसका मतलब यह हुआ कि इन तीन दिनों में अगर किसी व्यक्ति ने संक्रमित सतहों को किसी तरह छू लिया तो वो कोरोना की चपेट में आ सकता है।

कोरोना वायरस 20 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर स्टील पर दो दिनों तक, लकड़ी और कांच पर चार दिनों तक, मेटल यानी धातु पर पांच दिनों तक, प्लास्टिक और चीनी मिट्टी की चीजों पर पांच दिनों तक रह सकता है।

शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि मौत का यह वायरस एक ठंडे कमरे में किसी प्लास्टिक की सतह पर नौ दिनों तक रह सकता है। यह वायरस एल्यूमीनियम पर दो घंटे और लेटेक्स पर आठ घंटे से कम रहता है।

शोधकर्ताओं ने माना है कि पैसे, बाल, और कपड़े जैसे हवा पास होने वाली चीजों पर वायरस लंबे समय तक जीवित नहीं रहता है क्योंकि ऐसी चीजों में रिक्त स्थान या छेद सूक्ष्म जीव को फंसा सकते हैं और इसे प्रसारित होने से रोक सकते हैं।

वैज्ञानिकों ने पाया कि संक्रमित सतह को छूने के बाद अगर व्यक्ति अपने चेहरे, आंख और नाक को छूता है, तो वायरस उसके शरीर में प्रवेश करके उसके फेफड़ों में जमा हो सकता है। एक बार जब यह फेफड़ों में पहुंच जाता है, तो इससे बचना मुश्किल हो जाता है।