नई दिल्ली: राज्यसभा के लिए मनोनीत पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) रंजन गोगोई ने कहा है कि वह इस ऑफर को लेकर शपथ के बाद ही कुछ बोलेंगे।

असम के गुवाहाटी में मंगलवार को उन्होंने पत्रकारों से कहा, “मैं संभवतः कल (बुधवार) को दिल्ली जाऊंगा। मुझे पहले शपथ लेने दीजिए, उसके बाद ही मैं मीडिया को विस्तार से बताऊंगा कि आखिर मैंने क्यों इसे स्वीकारा।”

जस्टिस गोगोई देश के 46वें सीजेआई रहे हैं। वह 13 महीने तक इस पद पर रहने के बाद नवंबर, 2019 में रिटायर हुए थे। जस्टिस गोगोई वही जज हैं, जिन्होंने अयोध्या के विवादित राम मंदिर विवाद पर फैसला सुनाया था।

यही नहीं, वह टॉप कोर्ट के उन चार जजों में से एक हैं, जिन्होंने देश के इतिहास में पहली बार (जनवरी 2018) सुप्रीम कोर्ट की अनियमतताओं को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी।

जस्टिस गोगोई उस बेंच का हिस्सा भी थे, जिसने राफेल जेट विमानों के अर्जन से जुड़े एक मामले में सरकार को क्लीन चिट दे दी थी। हालांकि, पूर्व सीजेआई कुछ और वजहों से भी सुर्खियों में रहे।

दरअसल, उन पर कोर्ट की एक कर्मचारी ने यौन शोषण के आरोप लगाए थे, पर बाद में सुप्रीम कोर्ट के तीन सदस्यीय पैनल की जांच में उन्हें क्लीन चिट मिल गई थी। पैनल का कहना था कि आरोपों में दम नहीं है।