औरंगाबाद: निर्भया गैंगरेप केस में फांसी की सजा पाए दोषी अक्षय ठाकुर की पत्नी पुनीता ने अब अपने पति को फांसी से बचाने के लिए कानूनी चाल चली है। पुनीता ने एक फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी दी है। पुनीता ने अपनी अर्जी में कहा है कि वह अक्षय की विधवा बनकर नहीं रहना चाहती है।

अक्षय की पत्नी ने एक परिवार न्यायालय में तलाक की अर्जी देते हुए कहा कि वह अक्षय की विधवा बनकर नहीं रहना चाहती है। अक्षय की पत्नी ने औरंगााद परिवार न्यायालय के जज रामलाल शर्मा की कोर्ट में दाखिल अपनी अर्जी में कहा, 'उसके पति को रेप के मामले में दोषी ठहराया गया है और उसे फांसी दी जानी है, हालांकि वह निर्दोष हैं। ऐसे में वह उसकी विधवा बनकर नहीं रहना चाहती है।'

अक्षय की पत्नी के वकील मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि महिला को यह कानूनी अधिकार है कि वह हिंदू विवाह अधिनियम 13 (2) (II) के तहत कुछ खास मामलों में तलाक का अधिकार है, इसमें रेप भी शामिल है। उन्होंने बताया कि अगर रेप के मामले में किसी महिला के पति को दोषी ठहरा दिया जाता है, तो वह तलाक के लिए अर्जी दाखिल कर सकती है।

इस मामले के चारों दोषियों को 20 मार्च को सुबह 5.30 बजे फांसी दी जानी है। अक्षय ने फांसी से बचने के लिए काफी तिकड़म भी भिड़ाया था लेकिन निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक उसके दांव सफल नहीं हुए। राष्ट्रपति ने भी अक्षय की दया याचिका खारिज कर दी है। निर्भया के दोषी अक्षय, पवन, मुकेश और विनय के सभी कानूनी रास्ते बंद हो चुके हैं।