नई दिल्ली: CAA, NRC और NPR को लेकर देश भर में मचे नागरिकता विवाद के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने साफ किया है कि एनपीआर में किसी भी प्रकार का कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा। इस प्रक्रिया से जुड़े सर्वे में किसी को संदिग्ध भी नहीं बनाया जाएगा। गुरुवार को ये बातें उन्होंने संसद के उच्च सदन राज्यसभा में चर्चा के दौरान कहीं।

उनके मुताबिक, “किसी को भी एनपीआर से डरने की जरूरत नहीं है। सीएए आने के बाद नफरत फैलाने वाले भाषण शुरू हुए, मुसलमानों को गुमराह किया जा रहा है।”

उन्होंने दिल्ली हिंसा को लेकर कहा, “700 से अधिक एफआईआर दर्ज की गई हैं। तेजी से कार्रवाई की जा रही है। दंगों के लिए विदेश से आए पैसे दिल्ली में बांटे गए थे। पुलिस ने इस बाबत पांच लोग अरेस्ट भी किए हैं।”

बकौल गृह मंत्री, “पहचान किए गए लोगों का ब्यौरा हमारे पास उपलब्ध है। उन्हें पकड़ने के लिए 40 से अधिक विशेष दलों का गठन किया गया है। दंगाइयों की पहचान के लिए हमने आधार डेटा के इस्तेमाल के बजाय वोटर आईडी कार्ड और डीएल यूज किए हैं।”

हिंसा के दौरान ‘शहीद’ हेड कॉन्सटेबल रतन लाल समेत दो पुलिस वालों पर हमला करने वालों के बारे में शाह ने बताया- पुलिस अधिकारियों पर हमला करने वाले गिरफ्तार कर लिए गए हैं। अब तक 2600 से ज्यादा लोग गिरफ्तार किए गए हैं।

शाह बोले- 1922 चेहरों और व्यक्तियों की पहचान कर ली गई है। उन्होंने कहा कि 24 फरवरी को ही उत्तर प्रदेश की सीमा को सील कर दिया गया था। लोकतांत्रिक देश में दो देशों की सीमा की तरह दो राज्यों की सीमा को सील नहीं किया जा सकता है। 50 गंभीर मामलों की जांच तीन एसआईटी करेगी। इनको डीआईजी एवं आइजी स्तर के अधिकारियों के नेतृत्व में किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि दंगों में इस्तेमाल किये गये 125 हथियार जब्त किये गये हैं। दोनों संप्रदायों के लोगों की अमन समितियों की 321 बैठक कर दंगे रोकने का प्रयास किया गया। 24 तारीख के पहले ही हमारे पास यह सूचना आ चुकी थी कि विदेश और देश से आये गये पैसे दिल्ली में बांटे गए।

इसी बीच, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में लिखित जवाब में बताया कि NPR अपडेशन की प्रक्रिया के दौरान लोगों की नागरिकता संदिग्ध है या नहीं? यह पता लगाने के लिए किसी प्रकार का वेरेफिकेशन नहीं किया। अब तक सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर NRC तैयार करने के लिए कोई फैसला नहीं लिया है।