नई दिल्ली: यस बैंक संकट को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि नरेंद्र मोदी और उनके आडडिया ने देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद किया है। गौरतलब है कि यस बैंक के संकट के कारण से करोड़ों ग्राहकों की जमा राशि पर संकट आ गया है। क्योंकि ग्राहक अब एक महीने में सिर्फ 50 हजार रुपये ही अपने खाते से निकाल सकते हैं।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में यस बैंक संकट पर तंज कसते हुए नोबैंक कहा। राहुल गांधी इससे पहले भी अर्थव्यवस्था के मसले पर मोदी सरकार पर निशाना साधते रहे हैं और अब यस बैंक के संकट के साथ ही ये हमला और भी तीखा होता दिखाई दे रहा है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने आरोप लगाया कि एनडीए राज में बैड लोन में चार गुना इजाफा हुआ है। नोटबंदी ने हालात को और बिगाड़ दिया है। उन्होंने पूछा कि क्या यह सही है कि एसबीआई यस बैंक में निवेश का अवसर तलाश रही है? एसबीआई को यस बैंक में निवेश क्यों करना चाहिए? पी. चिदंबरम ने कहा, 'वास्तविक डेटा अब उपलब्ध हैं। मार्च 2014 के अंत में लोन 55,633 करोड़ रुपये था, जो मार्च 2019 के अंत बढ़कर 2,41,499 करोड़ रुपया हो गया है। मार्च 2017 के अंत में यह आंकड़ा 1.48,675 रुपये था, जो बढ़कर मार्च 2019 के अंत में 2,41,499 हो गया. नोटबंदी के बाद लोन ने छलांग लगाई है।' पी. चिंदबरम ने लिखा, 'मैं समझता हूं कि वित्त मंत्री ने यूपीए पर आरोप लगाते हुए एक बयान दिया है, अज्ञानता में जीने वाली सरकार के लिए यह सामान्य है, क्या वित्त मंत्री को मेरे द्वारा ट्वीट किए गए नंबरों की जानकारी है? अगर है, बताएं कि कैसे लोन बुक पांच साल में 55,633 करोड़ रुपये से बढ़कर 2,41,499 करोड़ हो गया?' पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिंदबरम ने मांग की कि एसबीआई को यस बैंक का लोन बुक ले लेना चाहिए, चाहे वह एक रुपया का हो। लोन की वसूली करनी चाहिए और साथ ही जमाकर्ताओं को आश्वासन देना चाहिए कि उनका पैसा सुरक्षित रहेगा और वापस आ जाएगा।'

गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने नकदी संकट से जूझ रहे यस बैंक से निकासी की सीमा तय कर दी है। आरबीआई के इस आदेश के बाद अब ग्राहक 50 हजार रुपये से ज्यादा नहीं निकाल सकेंगे। आरबीआई के मुताबिक फिलहाल यह रोक 5 मार्च से 3 अप्रैल तक लगी रहेगी। भारतीय रिजर्व बैंक ने यस बैंक के निदेशक मंडल को भी भंग करते हुए उसपर प्रशासक नियुक्त कर दिया है। इसके अलावा जमाकर्ताओं पर निकासी की सीमा सहित इस बैंक के कारोबार पर कई तरह की पाबंदिया भी लगा दी गई हैं। वहीं एसबीआई बोर्ड ने येस बैंक में निवेश के लिए ‘सैद्धांतिक’ स्वीकृति दे दी है।