लखनऊ: उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने लखनऊ के सीएए-एनआरसी विरोधी आंदोलनकारियों की तस्वीरों को सरकार द्वारा चौराहों पर लगाए जाने को गैर कानूनी बताते हुए कहा कि सरकार न सिर्फ लोगों के अभिव्यक्ति की आजादी का मजाक बना रही है बल्कि अदालत के फैसले को खुलेआम धता बता रही है। उन्होंने कहा कि कई अदालतों ने अपने फैसले में कहा है कि इस आंदोलन में हुई हिंसा और आगजनी में नष्ट हुई संपत्ति का आंकलन पुलिस और प्रशासन नहीं बल्कि अदालत को करने का हक है। यह अदालत की अवमानना है, कोर्ट को स्वतः संज्ञान लेना चाहिए।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जिन लोगों का पोस्टर लखनऊ में चिपकाकर योगी आदित्यनाथ की सरकार मानसिक उत्पीड़न कर रही है, उन आंदोलनकारियों के खिलाफ अदालत में कोई मजबूत सुबूत नहीं मिला और जज ने पुलिस को कड़ी फटकार लगाई थी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सूबे के मुख्यमंत्री एक साम्प्रदायिक गिरोह के सरगना रहे हैं। उनके संगठन और उनके ऊपर न जाने कितने साम्प्रदायिक हिंसा भड़काने के मुकदमें दर्ज है। उन्होंने तंज करते हुए कहा कि योगी आदित्यनाथ के ऊपर खुद गोरखपुर, आजमगढ़, मऊ सिद्धार्थ नगर में दंगा, आगजनी के मुकदमे दर्ज हैं जिनमें आम लोगों का करोड़ों का नुकसान हुआ था। अगर क्षतिपूर्ति का यही तरीका उचित है तो सबसे पहले इसकी शुरुआत योगी को खुद से करके उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए।
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