लखनऊ. उत्तर प्रदेश के लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध के दौरान हिंसा मामले में योगी सरकार ने कार्रवाई शुरू कर दी है. मामले में जिला प्रशासन की तरफ से लखनऊ के हजरतगंज सहित प्रमुख इलाकों में चौराहों पर 57 लोगों की तस्वीरों का पोस्टर लगाया गया है. इस पोस्टर में पूर्व आईपीएस अफसर एसआर दारापुरी की भी तस्वीर है. मामले में एसआर दारापुरी ने इस पूरी कार्रवाई को असंवैधानिक करार दिया है|

प्रमुख सचिव गृह को पत्र लिखकर दारापुरी ने कहा है कि आज जिला प्रशासन एवं लखनऊ पुलिस द्वारा लखनऊ शहर में 19 दिसंबर, 2019 को लखनऊ में हुयी हिंसा के आरोपियों जिनमें मैं भी हूँ, के पोस्टर लगाए गए हैं जोकि पूर्णतया अवैधानिक एवं शरारतपूर्ण है. जहाँ तक मैं जानता हूँ जिला प्रशासन को इस प्रकार के पोस्टर लगाने का कोई भी अधिकार नहीं है.

जिला प्रशासन की इस कार्रवाही से हम लोगों की जान-माल एवं स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार के लिए बहुत बड़ा खतरा पैदा हो गया है. पोस्टर लगने के बाद हम लोगों के बारे में लोगों की अलग अलग प्रतिक्रियाएं भी आनी शुरू हो गयी हैं.

अतः जिला प्रशासन की उपरोक्त कार्रवाही के फलस्वरूप मेरे तथा अन्य आरोपियों के साथ कोई भी अप्रिय घटना होती है तो इसकी पूरी ज़िम्मेदारी जिला प्रशसन तथा सरकार की होगी. आपसे यह भी अनुरोध है कि उक्त पोस्टरों को तुरंत हटवाएं एवं इस अवैधानिक कार्रवाही के लिए दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाही करें.