नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एन.एस विश्वनाथन ने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दे दिया है। उनके रिटायरमेंट में अभी तीन महीने का वक्त बाकी है। देश की लगातार घटती जीडीपी, बैंकों के विलय और महंगाई पर नियंत्रण की कोशिशों के अहम दौर के बीच विश्वनाथन का इस्तीफ़ा केंद्रीय बैंक के लिए बड़ा झटका है।

इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक 31 मार्च को विश्वनाथन केंद्रीय बैंक छोड़ देंगे। विश्वनाथन के 4 दशक लंबे करियर का अंत यूं तो जून में होना था, लेकिन उन्होंने तीन महीने पहले ही पद छोड़ दिया है। सूत्रों के मुताबिक हाल ही में उन्हें तनाव से जुड़ी समस्या हो गई थी, जिसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें आराम करने की सलाह दी है। यह ऐसा दौर है, जब आरबीआई को मॉनिटरिंग के लिए उनकी सेवाओं की काफी जरूरत थी।

1981 में सर्विस जॉइन करने वाले विश्वनाथन को बैंकिंग इंडस्ट्री का बड़ा जानकार माना जाता रहा है। खासतौर पर नियम और कानूनों के मामले में उनकी बहुत अच्छी पकड़ रही है। इसी के चलते गवर्नर शक्तिकांत दास ने बीते साल जून में उन्हें एक साल का सेवा विस्तार दिया था। डिप्टी गवर्नर के तौर पर विश्वनाथन बैंकिंग रेगुलेशन, कॉपरेटिव बैंकिंग, डिपॉजिट इंश्योरेंस समेत कई सेक्टर्स पर निगरानी कर रहे थे।

गौरतलब है कि इससे पहले जून 2019 में भी आरबीआई के एक अन्य डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने पद छोड़ दिया था। यही नहीं पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल ने भी दिसंबर, 2018 में पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्हें गवर्नर रघुराम राजन के बाद केंद्रीय बैंक के मुखिया के तौर पर जिम्मेदारी सौंपी गई थी।