नई दिल्ली: दिल्ली हिंसा में 42 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 250 लोगों को घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती किया गया है। इनमें से कुछ को अस्पताल से घर भेज दिया गया है, जबकि कुछ का अब भी अस्पताल में इलाज चल रहा है। इस मामले में पूर्व डीजीपी ने कहा है कि दिल्ली में हो रही हिंसा के समय पुलिस की भूमिका को देखकर ऐसा लगा जैसे मानो पुलिस को लकवा मार दिया हो।

द वायरसे बात करते हुए पूर्व डीजीपी ने कहा कि पुलिस की भूमिका निराशाजनक रही है। उसके कारणों के बारे में अभी तो साफ-साफ नहीं कहा जा सकता है, लेकिन मोटे तौर पर एक गंभीर स्थिति का सामना करते हुए नेतृत्व को जो फैसला लेना चाहिए वे नहीं ले पा रहे थे। सोमवार की शाम तक नेतृत्व में निर्णय लेने की क्षमता का अभाव दिखा।

इसके साथ ही प्रकाश सिंह ने माना कि मंगलवार की शाम के बाद से थोड़ी सख्ती दिखाई गई और शूट एंड साइट का आदेश दिए जाने के बाद स्थिति थोड़ी बेहतर जरूर हुई। लेकिन, हालात को देखकर ऐसा ही लग रहा था जैसे पुलिस कार्रवाई से बचने का प्रयास कर रही थी। प्रकाश सिंह की मानें तो इसमें गृह मंत्रालय की क्या भूमिका थी यह कहना मुश्किल है। गृह मंत्रालय से कोई निर्देश था या नहीं था यह तो पता नहीं। हालात बिगड़ने के बाद जिम्मेदारी तो सभी की बनती है।

पूर्व डीजीपी ने कहा कि दिल्ली में हिंसा फैलने के बाद उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जिम्मेदारी भी बनती थीं। मुख्यमंत्री को बाहर निकलना चाहिए था, लोगों को समझाना चाहिए था।

पुलिस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हिंसा के दौरान लगी चोटों की वजह से 35 लोगों की मौत (मंगलवार तक) हुई…, 13 लोगों को गोली लगी थी और 22 की मौत गंभीर चोटों की वजह से हुई…,। दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता ने अलग से कहा कि 38 लोग-अधिकतर की उम्र 20 से 40 साल से बीच-हिंसा के दौरान मारे गए।

शारीरिक हमले या पथराव में मारे गए लोगों में – आलोक तिवारी (32), मोहसिन (25), सलमान (24), आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा (26), अशफाक हुसैन, दिलबर सिंह नेगी (21), माहरूफ अली(32), मेहताब (22), जाकिर (24), दीपक कुमार (34) शामिल हैं।

जिन लोगों की मौत गोली लगने से हुई उनमें अमान (18), दिनेश (34), हेड कांस्टेबल रतन लाल (42), इश्तियाक (24), मोहम्मद मुबारक हुसैन (28), मोहम्मद मुदस्सर (30), प्रवेश (48), राहुल सोलंकी (26), शाहिद, वीरभान (50), मोहम्मद फुरकान (30) और शाद मोहम्मद (35) शामिल हैं। पुलिस राहुल ठाकुर, फैजान, नितिन और विनोद की मौत के कारणों की पहचान नहीं कर पाई।