लखनऊ: विधानसभा के अंदर असहमति का सम्मान की बात करने वाली योगी सरकार को बताना चाहिए कि अमीनाबाद एसएचओ के द्वारा संस्तुति देने के बावजूद लोकतंत्र की रक्षा के लिए आयोजित हमारे सम्मेलन को बिना कोई कारण बताएं क्यों रोका गया। योगी सरकार को बताना चाहिए कि प्रदेश में लोकतंत्र है भी कि नहीं। दरअसल हर मोर्चे पर विफल रही योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश को पुलिस राज में तब्दील कर दिया है। हर असहमति के स्वर को कुचला जा रहा है। इसलिए योगी सरकार को सत्ता से हटाने और लोकतंत्र की बहाली तक यह अभियान चलेगा। यह बातें आज प्रिमीयर होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में लोकतंत्र बचाओ अभियान के संयोजक अखिलेन्द्र प्रताप सिंह ने कहीं।

उन्होंने कहा कि हमने हाईकोर्ट में सम्मेलन रोकने की सरकार की कार्यवाही के विरूद्ध याचिका डाली है। हमें उम्मीद है कि हमें न्याय मिलेगा और हाईकोर्ट के निर्देश पर लोकतंत्र बचाओ सम्मेलन लखनऊ में होगा। लोकतंत्र का मतलब रोजगार, खेती-किसानी का विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य का अधिकार व असहमति का सम्मान है जिसको बचाने के लिए पूरे प्रदेश के हर जिलों में रैली, आमसभाएं, सम्मेलन किए जायेंगे और जरूरत पड़ी तो उपवास भी होगा। उन्होंने आजम खां व उनके परिवारजनों की गिरफ्तारी की कडी निंदा करते हुए कहा कि दरअसल प्रदेश में राजनीतिक विपक्ष का अभाव होने के कारण योगी सरकार का मनोबल बढ़ा हुआ है। आज विपक्ष की हालत यह हो गई है कि सपा के शीर्ष नेतृत्व में रहे व्यक्ति की गिरफ्तारी के खिलाफ एक छोटा सा प्रतिवाद तक प्रदेश का मुख्य विपक्षी दल नहीं कर पा रहा है। इसलिए लोकतंत्र बचाओ अभियान एक लोकतांत्रिक राजनीतिक विपक्ष का भी निर्माण करेगा।

पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए पूर्व सासंद इलियास आजमी ने कहा कि आजादी के आंदोलन से लेकर अब तक हुए सभी आंदोलनों में शामिल रहा हूं। यह लोकतंत्र बचाओ अभियान कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक चलेगा और आरएसएस-भाजपा की देश में जारी तानाशाही को परास्त करेगा।
पूर्व आई0 जी0 व आइपीएफ के प्रवक्ता एस0 आर0 दारापुरी ने कहा कि प्रदेश में सर्वोच्च न्यायालय तक के आदेशों की अवहेलना कर धारा 144 लगातार लगाई गयी है। इसकी सूचना समाचार पत्रों में प्रकाशित करना तो छोड दें जिलों की सरकारी वेबसाइट तक पर नहीं है। सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला कर रही है। रिहाई मंच अध्यक्ष मोहम्मद शोएब ने कहा कि वह लोकतंत्र को बचाने की इस मुहिम के साथ है।

पत्रकार वार्ता के बाद हुई बैठक में 29 मार्च को पुनः अभियान की प्रदेशस्तरीय बैठक करने और इसके पहले जिलास्तरीय सम्मेलन, आमसभाएं करने का निर्णय लिया। इस क्रम में 26 मार्च को सोनभद्र, 20 मार्च को बस्ती व 8 अप्रैल को सीतापुर में सम्मेलन करने और जिलास्तर पर कमेटी गठित करने व संयोजक बनाने का निर्णय हुआ।