नई दिल्ली: संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध दिल्ली के शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन के कारण दो महीने से ज्यादा समय से बंद चल रहा नोएडा-फरीदाबाद मार्ग खोल दिया गया है। शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर समाधान निकालने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने तीन वार्ताकारों को नियुक्त किया है।
संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध दिल्ली के शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन के कारण दो महीने से ज्यादा समय से बंद चल रहा नोएडा-फरीदाबाद मार्ग खोल दिया गया है।

खबर के मुताबिक, शुक्रवार (21 फरवरी) को नोएडा-फरीदाबाद मार्ग खोला गया है। यह रास्ता बंद होने के कारण आने-जाने वालों को भारी परेशानियां उठानी पड़ रही थीं।

बता दें कि शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर समाधान निकालने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने तीन वार्ताकारों को नियुक्त किया है। वार्ताकारों और प्रदर्शनकारियों के बीत बातचीत का दौर जारी है। वार्ताकारों में वकील संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन और पूर्व नौकरशाह वजाहत हबीबुल्ला शामिल हैं। अभी शाहीन बाग से प्रदर्शनकारी नहीं हटे हैं।

प्रदर्शनकारी संशोधित नागरिकता कानून को वापस लिए जाने की मांग पर अड़े हैं। गुरुवार को लगातार दूसरे दिन वर्ताकारों ने प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की। इस दौरान वार्ताकार वकील संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन मीडिया की मौजूदगी में बातचीत करने पर आपत्ति जताई। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे मीडिया के सामने बात करना चाहते हैं। हालांकि, बाद में पत्रकारों को वहां जाने को कहा गया।

रामचंद्रन ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘आपने बुलाया हम चले आये।’’ उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा था कि शाहीन बाग में सड़क बंद होना परेशानी पैदा करने वाला है और प्रदर्शनकारियों को किसी दूसरी जगह जाना चाहिए जहां कोई सार्वजनिक स्थान अवरुद्ध नहीं हो। हालांकि शीर्ष अदालत ने प्रदर्शनकारियों के विरोध के अधिकार को बरकरार रखा।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने संजय हेगड़े से प्रदर्शनकारियों को किसी वैकल्पिक स्थान पर जाने के लिए मनाने में भी सकारात्मक भूमिका निभाने को कहा है।