रिपोर्ट- रमेश चन्द्र गुप्ता

बहराइच: परिवहन विभाग की छत्रछाया में चल रहे हैं डग्गामार वाहन सीट से ज्यादा यात्री बैठाने के साथ-साथ माल ढुलाई के लिए मालवाहक बन जाती हैं गाडियां डिगिहा चौराहे से सैकड़ों डग्गामार वाहन संचालित होती हैं जिनको कई बार इस व्यस्ततम चैराहे से इन डग्गामार वाहनों को प्रशासन ने कई बार हटाया है फिर भी यह जोड़ तोड़ के माहिर संचालक जिम्मेदारों की जेब गर्म करके पुनः संचालन शुरू कर देते हैं। जब कोई बड़ी घटना घटित होती है तो जिम्मेदार प्रशासन लीपापोती करती है। यह नजारा बहराइच से किसी एक चैराहे का नहीं बल्कि शहर के हर मुख्य चैराहे पर देखा जा सकता है। रोडवेज बस स्टैंड से हर 5-10 मिनट पर एक बस सेवा होने के बावजूद प्राइवेट डग्गामार वाहन अच्छी संख्या में रोडवेज के गेट से यात्रियों को पकड़-पकड़ कर अपने वाहनों में भरते हैं और परिवहन निगम को जबर्दस्त आर्थिक नुकसान पहुंचा रहे हैं।

प्राइवेट डग्गामार वाहन संचालको के हाथ इतने लम्बे हैं जिससे चलते उन्होने बहराइच से गोण्डा, बलरामपुर व श्रावस्ती आदि के लिये डिगिहा तिराहे से होकर जाने वाली रोडवेज की बसों का रूट डायवर्जन करा दिया। इस डायवर्जन के चलते डिगिहा तिराहे पर रोडवेज बसें के न पहुंचने के कारण यात्री घंटो इंतजार करने के बाद मजबूर होकर प्राइवेट वाहनों पर यात्रा करने के लिए विवश है। विगत दिनों डिगिहा तिराहे पर एक चैपहिया वाहन चालक द्वारा मुख्य तिराहे पर वाहन खड़ा करके सवारी बैठाने के दौरान यातायात पुलिस कर्मी से विवाद भी हो गया था। जिसके बाद यातायात पुलिस ने उस पर कार्यवाही भी की थी। डग्गामार वाहनो द्वारा मानक के विपरीत वाहनो में सवारियो को ठूस-ठूस कर भरा जाता है यहां तक की कई सवारियां सरकारी साधन न होने के चलते वाहन के बाहर भी लटक कर यात्रा करने को विवश है।

प्रशासन के संज्ञान मे उक्त जानकारी होने के बावजूद न तो प्रशासन ही इन डग्गामार वाहनो पर कार्यवाही कर रहा है और न ही सड़क परिवहन निगम के अधिकारी। ऐेसे में लोगो में चर्चा है कि इन डग्गामार वाहन संचालको को मिली छूट व आजादी के पीछे परिवहन निगम के लोगो का हाथ है जो इन प्राइवेट वाहन संचालको पर कार्यवाही करके मोटी कमाई से हाथ नही धोना चाहते है।