लखनऊ: दिल्ली में आम आदमी पार्टी के स्पष्ट बहुमत पर इमामे जुमा मौलाना सय्यद कलबे जवाद नक़वी ने कहा कि जनता नफरत की राजनीति पर यकीन नही रखती बल्कि सेवा की राजनीति पर यकीन रखती है इस लिए बीजेपी और आरएसएस को नफरत की राजनीति छोड़ कर सेवा की राजनीति करनी चाहिए और ऐसे लोग जो अलग अलग जगहों पर नफरत की भाषा का प्रयोग करते है और नफरत फैलाते है उनपर लगाम कसनी चाहिए और सिर्फ और सिर्फ जनता की सेवा को प्राथमिकता देना चाहिए वरना जिस तरह दिल्ली में नफरत की राजनीति नाकाम हुई उसी तरह पूरे देश में नफरत की राजनीति नाकाम हो जाएगी।

मौलाना ने सी ए ए और एन आर सी के विषय पर दिल्ली में विभिन्न मुस्लिम राजनीतिक संगठनों सामाजिक संस्थाओ और मुसलमान उलमा की हुई मीटिंग पर कहा कि हम जो सी ए ए के खिलाफ प्रदर्शनों में शामिल नही हुए ये मुस्लिम राजनीतिक संगठनों ने सामाजिक संस्थाओ ने और उलमा ने मिल कर तय किया था कि उलमा इस तहरीक से दूर रहें तो ज़्यादा अच्छा होगा क्योंकि इस तहरीक को हिन्दू मुस्लिम बना दिया जाएगा । इससे पहले भी हम ने मौलाना राबे हसन नदवी से मुलाक़ात की थी जो उन्होंने कहा था वो मैं पेश कर चुका हूँ , इसी तरह विभिन्न उलमा के साथ मौलाना डॉ सय्यद कलबे सादिक़ साहब से भी मुलाकात की थी और उनसे कहा था कि इस सिलसिले में आपकी क्या सलाह है तो उन्होंने भी यही कहा था उलमा को इस तहरीक में शामिल नही होना चाहिए बल्कि ये भी कहा था कि मुसलमानों को अब राजनीति से अलग हो जाना चाहिए इस लिए हम लोग उनके कहने पर अलग हुए और प्रदर्शन में शामिल नही हुए इसके बाद अचानक वो विरोध प्रदर्शन में चले गए अगर हमें पता होता तो कम से कम सौ उलमा उनके साथ होते क्योंकि उनके कहने पर जब शामिल नही हुए तो उनके ही कहने पर उनके साथ शामिल होते।
अंत में मौलाना ने कहा कि मुसलमान हमारी किसी भी तहरीक में शामिल नही हुए लेकिन हम हमेशा मुसलमानों की तहरीक में शामिल हुए है और हमेशा होते रहेंगे