नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप 24-25 फरवरी को भारत दौरे पर आने वाले हैं। हालांकि इससे पहले अमेरिका ने सोमवार को भारत को उन विकासशील देशों की सूची से हटा दिया है, जिन्हें अमेरिकी की काउंटरवेलिंग ड्यूटी (CVD) से छूट हासिल है। यह छूट देने के लिए यह देखा जाता है कि ये देश अनुचित सब्सिडी एक्सपोर्ट के जरिए अमेरिकी इंडस्ट्री को नुकसान तो नहीं पहुंचा रहे हैं।

यूनाइटेड स्टेट्स ट्रेड रिप्रजेंटेटिव (USTR) ने भारत के अलावा ब्राजील, इंडोनेशिया, हॉन्गकॉन्ग, साउथ अफ्रीका और अर्जेंटीना को भी लिस्ट से बाहर किया है। इन सभी देशों को स्पेशल तरजीह दी जाती थी, जिसके चलते इन्हें CVD जांच से छूट हासिल थी। USTR ने कहा कि इन देशों को 1988 की स्थिति के आधार पर छूट दिया गया था, जो 'अब मौजूद नहीं' हैं। भारत को इस सूची से इस आधार पर बाहर किया गया कि वह जी-20 देशों में आता है और वर्ल्ड ट्रेड में उसका योगदान 0.5 पर्सेंट या उससे ज्यादा है।

अमेरिका के साथ ट्रेड डील के तहत भारत जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंस (GSP) के तहत विशेष छूट पाने वाले देश का दर्जा वापस बहाल करने की मांग में जुटा था। हालांकि अमेरिका के इस कदम से उसकी मुहिम को भारी झटका लगा है क्योंकि GSP दर्जा सिर्फ विकासशील देशों को ही दिया जाता है। USTR ने एक बयान में कहा, 'जिन देशों का वर्ल्ड ट्रेड में हिस्सा 0.5 पर्सेंट या उससे अधिक है, USTR उन्हें अमेरिकी CVD नियम के लिए विकसित देश मानती है।' 2018 में भारत का ग्लोबल एक्सपोर्ट में 1.67 पर्सेंट और ग्लोबल इंपोर्ट में 2.57 पर्सेंट हिस्सा था। पिछले साल ट्रंप ने कहा था कि कुछ देशों ने नियमों में लचीलेपन का फायदा उठाने के लिए खुद को विकासशील घोषित कर रखा है। उन्होंने ऐसे देशों को दिए जाने वाले विशेष छूट को बंद करने के लिए अपने प्रशासन को निर्देश दिए थे।

USTR ने अपने बयान में कहा, 'इसलिए ब्राजील, भारत, इंडोनेशिया, मलेशिया, थाईलैंड और वियतनाम 2 पर्सेंट डी मिनिमिस स्टैंडर्ड के लिए योग्य नहीं हैं। इसके बावजूद वर्ल्ड बैंक के हालिया आंकड़ों के मुताबिक प्रत्येक देश की ग्रॉस नेशनल इनकम 12,375 डॉलर से कम है।' विकासशील देशों को 2 पर्सेंट तक एक्सपोर्ट या प्रॉडक्शन सब्सिडी दी जाती है।'