नई दिल्ली: घातक कोरोना वायरस के संक्रमण से चीन व चीन के बाहर दूसरे देशों में लगातार लोग मर रहे हैं। इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 361 के करीब पहुंच गई है। कोरोना वायरस के कारण चीन के बाहर मौत का पहला मामला फिलीपीन में सामने आया है और इस विषाणु के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 305 हो गई है। इस विषाणु से 14,562 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। यह संख्या तेजी से बढ़ रही है।

इस विषाणु के कारण किसी व्यक्ति की चीन के बाहर मौत होने का यह पहला मामला है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने रविवार को यह जानकारी दी। इससे कुछ ही घंटे पहले चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने बताया था कि शनिवार तक इस विषाणु के कारण कुल 304 लोगों की मौत हुई है। फिलीपीन में जिस व्यक्ति की मौत हुई है, वह चीन के वुहान शहर का रहनेवाला था।

डब्ल्यूएचओ में फिलीपीन के प्रतिनिधि रवींद्र अबेयासिंघे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह चीन के बाहर मौत का पहला मामला है।’’ इससे पहले, चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) ने अपनी दैनिक रिपोर्ट में बताया कि शनिवार तक इस बीमारी के कारण 304 लोगों की मौत हो गई और 14,562 लोगों के इस विषाणु से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। चीन के एनएचसी के अनुसार सभी लोगों की मौत हुबेई प्रांत में हुई है। आयोग ने बताया कि शनिवार को इस संक्रमण के 4,562 नए संदिग्ध मामले सामने आए। इसने बताया कि शनिवार को 315 लोग गंभीर रूप से बीमार हो गए और 85 लोगों को स्वास्थ्य सुधार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

आयोग ने बताया कि कुल 2,110 मरीजों की हालत गंभीर बनी हुई है और कुल 19,544 लोगों के इस विषाणु से संक्रमित होने का संदेह है। कुल 328 लोगों को स्वास्थ्य में सुधार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। उल्लेखनीय है कि इस विषाणु का दिसंबर की शुरुआत में पता चला था और इसके हुबेई प्रांत की राजधानी वुहान स्थित उस बाजार से फैलने की आशंका है जहां मांस के लिए जंगली जानवरों की बिक्री होती है।

चीन के वेंगझोउ शहर ने वुहान शहर में कोरोना वायरस के कहर को देखते हुए अपने निवासियों के आवागमन पर रविवार को प्रतिबंध लगा दिए और सड़कें बंद कर दीं। अधिकारियों ने बताया कि वेंगझोउ में हर घर का केवल एक ही व्यक्ति दो दिन में एक बार आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी करने बाहर जा सकेगा। 90 लाख की आबादी वाले शहर में 46 राजमार्ग टोल स्टेशन बंद कर दिए गए हैं।

कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए इजराइल ने पिछले दो सप्ताह में चीन की यात्रा करने वाले लोगों के देश में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस बीच, एअर इंडिया ने अपनी दूसरी उड़ान में चीन के वुहान शहर से 323 और भारतीयों को बाहर निकाला तथा विमान रविवार सुबह दिल्ली हवाईअड्डे पर पहुंच गया। यह विमान मालदीव के सात लोगों को भी लेकर आया है। अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले, एअर इंडिया का एक विशेष विमान शनिवार को 324 भारतीयों को लेकर राष्ट्रीय राजधानी पहुंचा था। उन्हें सेना तथा आईटीबीपी द्वारा बनाए दो केंद्रों में भर्ती किया गया। हालांकि जांच में उनमें से कोई भी कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं पाया गया।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रविवार को ट्वीट किया, ‘‘आज एअर इंडिया की दूसरी उड़ान से 323 भारतीयों के साथ मालदीव के सात नागरिकों को वुहान से लाया गया। हम अपने पड़ोसी का ध्यान अपने से पहले रखते हैं।’’ केरल में दो भारतीय जांच में कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। कोरोना वायरस के चलते इंडिगो ने भारत और चीन के बीच अपनी सभी तीनों उड़ानों को निलंबित कर दिया है।

एअर इंडिया ने अपनी दिल्ली-शंघाई उड़ान को निलंबित कर दिया है और दिल्ली-हांगकांग मार्ग पर भी उड़ानें कम कर दी हैं। एअर इंडिया के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘सुबह नौ बजकर 45 मिनट पर 323 यात्रियों को लेकर दूसरा विशेष विमान दिल्ली हवाईअड्डे पर पहुंचा।’’ प्रवक्ता ने बताया कि एअर इंडिया की पहली उड़ान में साथ गए राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल के पांच डॉक्टर दूसरी उड़ान में भी मौजूद थे।

एअर इंडिया के पहले विमान से लाए गए 324 लोगों में से 56, 53 और 42 क्रमश: आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल के हैं। एअर इंडिया ने संकट की स्थिति में पहले भी लीबिया, इराक, यमन, कुवैत तथा नेपाल जैसे देशों से भारतीयों को बाहर निकाला है। अमेरिका, श्रीलंका, बांग्लादेश और कई अन्य देशों ने वुहान से अपने नागरिकों को बाहर निकालने का प्रबंध किया है, लेकिन पाकिस्तान सरकार ने विपक्ष की कड़ी आलोचना के बावजूद वुहान से सैकड़ों पाकिस्तानी छात्रों को निकालने के अनुरोध को ठुकरा दिया है।