नई दिल्ली: आज पेश हुए आर्थिक सर्वे सामने आया है कि भारत में रेस्तरां खोलने से आसान पिस्टल या आतिशबाजी का लाइसेंस लेना है। सर्वे के अनुसार पिस्टल का लाइसेंस लेने के लिए 19 और आतिशबाजी का लाइसेंस लेने के लिए 12 दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है। लेकिन अगर रेस्तरां खोलना है, जो न केवल अर्थव्यवस्था को रफ्तार देता है बल्कि रोजगार के अवसर पैदा करता है तो 22-45 दस्तावेज देने पड़ते हैं। सर्वे इस सोच में बदलाव की जरूरत की ओर इशारा करता है।

नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनआरएआई) के अनुसार, बेंगलुरु में रेस्तरां खोलने के लिए 36, दिल्ली में 26 और मुंबई के लिए कुल 22 तरह की मंजूरी लेनी पड़ती है। इसके अलावा, दिल्ली और कोलकाता के लिए 'पुलिस ईटिंग हाउस लाइसेंस' की भी जरूरत पड़ती है। दिल्ली पुलिस से इस लाइसेंस को प्राप्त करने के लिए 45 दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है जबकि हथियार का लाइसेंस लेने के लिए 19 और आतिशबाजी के लिए 12 दस्तावेज ही चाहिए।

आर्थिक सर्वे बताता है कि सेवा क्षेत्र को भी अपने दैनिक कारोबार के लिए विभिन्न नियामक अवरोधों का सामना करना पड़ता है। पूरी दुनिया में रोजगार और विकास के लिए बार और रेस्तरां को महत्वपूर्ण स्त्रोत के तौर पर माना जाता है लेकिन भारत में इसे शुरु करने के लिए कई तरह के अवरोधों से गुजरना पड़ता है।

सर्वे के मुताबिक, भारत में एक रेस्तरां खोलने के लिए लाइसेंस लेने के लिए कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और कई तरह की मंजूरी लेनी पड़ती है, जबकि चीन और सिंगापुर को केवल चार लाइसेंस ही लेने पड़ते हैं। बता दें कि शुक्रवार को संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वे पेश करते हुए कहा कि आर्थिक विकास दर में सुस्ती का दौर खत्म होने की संभावना है। अगले वित्त वर्ष 2020-21 में विकास दर सुधरकर 6-6.5 फीसदी हो सकती है। चालू वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान आर्थिक विकास दर पांच फीसदी रहने का अनुमान है जो पिछले 11 साल में सबसे धीमी विकास दर होगी।