तेहरान: वॅाल स्ट्रीट जरनल ने बुधवार को अपने सूत्रों के हवाले से बताया है कि ट्र्म्प सरकार, बगदाद द्वारा अमरीकी सैनिकों को देश से निकालने के फैसले की हालत में इराक को 250 मिलयन डॅालर की सैन्य सहायता रोकने पर विचार कर रही है।
अमरीका के विदेश और वित्त मंत्रालयों ने इराक़ को दी जारी रही सैन्य सहायता पर ईमेल द्वारा विचार विमर्श भी शुरु कर दिया है। कई ईमेलों की कॅापी वॅाल स्ट्रीट जरनल को मिली है।
इन ईमेलों से पता चलता है कि अमरीकी विदेशमंत्रालय में सुदूर पूर्व विभाग, जारी वर्ष में इराक़ को दी जाने वाली कुल 250 मिलयन डॅालर की सैन्य सहायता खत्म करने का प्रयास कर रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, ट्रम्प सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि वह इस बात की जांच करें कि इराक़ से अमरीकी सैनिकों के निष्कासन की दशा में कहां कहां से सहायता देना बंद किया जा सकता है।
याद रहे इराक़ में 5300 अमरीकी सैनिक और उनके सैंकडों सहयोगी इराक़ में सक्रिय हैं। गत तीन जनवरी को इराक़ में अमरीका के आतंकवादी हमले में ईरान के जनरल क़ासिम सुलैमानी और इराक़ के स्वंय सेवी बल के डिप्टी कमांडर अबू मेहदी अलमुहंदिस के शहीद होने के बाद इराक़ी संसद ने एक कानून पारित करके अमरीकी सैनिकों को देश से निकालने को मंज़ूरी दी है लेकिन अमरीका ने इराक़ छोड़ने से इन्कार कर दिया है।
उन्होंने कहा, अमेजन का दावा है कि उसके पोर्टल पर पहले से ही पांच लाख खुदरा विक्रेता हैं। कंपनी यह बताये कि उसने इन व्यापारियों के सशक्तिकरण के लिए अब तक क्या किया है। कैट ने कहा कि बेजोस के भारत आगमन के दिन 15 जनवरी को व्यापारी देश भर में राष्ट्रीय विरोध दिवस के रूप में मनाएंगे। इस दिन देश के सभी राज्यों के अलग-अलग शहरों में व्यापारियों द्वारा हल्ला बोल रैली और धरने आयोजित कर जेफ बेजोस और अमेजन का जोरदार विरोध होगा
फतेहपुर सीकरी, आगरा, 28 अप्रैल 2024. कमज़ोर तबकों के सामने संविधान बचाने का आख़िरी मौक़ा…
ब्यूरो चीफ फहीम सिद्दीकी बाराबंकी। मोहसिना क़िदवई, राजनीतिक गलियारे का एक बहुत कद्दावर नाम। नब्बे…
एक बालिका की हालत गंभीर, मेडिकल कालेज रेफरबाबा अहमद शाह की मजार पर गुरूवार से…
ब्यूरो चीफ फहीम सिद्दीकी बाराबंकी। जिला बार एसोसिएशन के वार्षिक चुनाव की मतगणना शांतिपूर्ण माहौल…
लखनऊ ।उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फरेंसिक साइन्स लखनऊ ने आज संस्थान को और अधिक…
(आलेख : शमसुल इस्लाम) भारत में राष्ट्रविरोधी, अमानवीय एवं धार्मिक रूप से कट्टर नागरिकता संशोधन…