नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण का समर्थन करते हुए कहा कि जेएनयू में हुई हिंसा को लेकर अभिनेत्री का मौन प्रदर्शन और परिवार को प्रताडि़त किए जाने के बावजूद चुनाव आयुक्त अशोक लवासा द्वारा अपने कर्तव्य को निष्पक्ष रूप से निर्वहन यह दिखाता है कि कुछ लोगों के लिए सच्चाई, स्वतंत्रता और न्याय सिर्फ भारी-भरकम शब्द नहीं बल्कि ऐसे आदर्श हैं जिनके लिए बलिदान दिया जा सकता है.

लिंक्डइन पर एक ब्लॉग में राजन ने कहा कि जेएनयू में नकाबपोश हमलावरों द्वारा हमले और घंटों तक तोड़फोड़, छात्रों और शिक्षकों पर हमले की खबर और पुलिस द्वारा उन्हें जरा भी न रोका जाना चिंताजनक है. जेएनयू हमले के पीडि़तों से मिलकर मौन विरोध जताने के लिए कहीं से सराहना और कहीं से उलाहना झेल रहीं पादुकोण का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि अपनी नवीनतम फिल्म 'छपाक' को जोखिम में डालकर अभिनेत्री ने हम सभी को प्रेरित किया कि हम यह देखें कि वास्तव में दांव पर क्या लगा है.

चुनाव प्रक्रिया के उल्लंघन के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को क्लीन चिट देने से इनकार करने वाले निर्वाचन आयोग के एकमात्र सदस्य लवासा का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा, ''जब कोई निर्वाचन आयुक्त परिवार को प्रताडि़त किए जाने के बावजूद निष्पक्ष रूप से अपने दायित्वों को निभाए तो यह दिखाता है कि सत्यनिष्ठा पूरी तरह से भयभीत नहीं है.''

राजन ने कहा, ''जब मीडिया के कुछ सदस्य सच को उजागर करने के लिए बिना थके काम करते हैं वह भी तब जब उनके साथी सरकारी दबाव के आगे झुक जाते हैं तो यह दर्शाता है कि देश के कर्तव्यनिष्ठ नागरिक होने के मायने क्या होते हैं. उन्होंने लिखा, ''इन लोगों ने अपने कृत्यों से दिखाया कि वे मानते हैं कि सच, स्वतंत्रता और न्याय सिर्फ बड़े-बड़े शब्द ही नहीं हैं बल्कि ऐसे आदर्श हैं जिनके लिए बलिदान दिया जा सकता है.''