नई दिल्ली: पाकिस्तान में स्थित सिखों के पवित्र धर्मस्थलों में से एक ननकाना साहिब गुरुद्वारे को घेरकर पत्थरबाजी और सिखों को धमकी दी। शुक्रवार देर शाम भीड़ ने गुरुद्वारे को घेर लिया और इसे तोड़ने की धमकी दी। इस मामले में भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। भारत ने पाकिस्तान को फटकार लगाते हुए कहा है कि वह पवित्र धर्मस्थल और सिखों पर हमले के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे। वहीं, पाकिस्तान ने उन खबरों को खारिज कर दिया जिनमें कहा गया था कि गुरुद्वारा ननकाना साहिब को खास समूह के लोगों ने अपवित्र किया।

भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, 'सिख समुदाय पर हमला और गुरुद्वारा में तोड़फोड़ की घटना में दोषी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही पाकिस्तान सरकार को पवित्र ननकाना साहिब गुरुद्वारे की पवित्रता को सुरक्षित व संरक्षित रखने के लिए हर उपाय करने चाहिए।'

बता दें कि शुक्रवार दोपहर को भीड़ ने गुरुद्वारे को घेर लिया था और पत्थरबाजी की थी। घटना के बाद मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस को तैनात किया गया है, लेकिन स्थिति अभी तनावपूर्ण है। इस घटना से संबंधित एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें एक कट्टरपंथी वहां के सिखों को ननकाना साहिब से भगाने की धमकी दे रहा है।

पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने मध्यरात्रि में एक बयान में कहा कि पंजाब प्रांत के अधिकारियों ने यह जानकारी दी कि वहां दो मुस्लिम समूहों के बीच किसी छोटी घटना को लेकर झड़प हुई थी जिसमें तत्काल हस्तक्षेप करके आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। गुरुद्वारा बिल्कुल सुरक्षित है और इसे कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। बयान में कहा गया कि पाकिस्तान सरकार कानून-व्यवस्था बनाए रखने और खास तौर पर अल्पसंख्यकों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है।

पाकिस्तान की तरफ से कहा गया कि पवित्र स्थान को अपवित्र करने के कृत्यों के दावे, न केवल झूठे हैं, बल्कि शरारती भी हैं। इस घटना के दौरान किसी तरह का कोई नुकसान नही हुआ है।

विदेश मंत्रालय ने कहा, 'निंदनीय कृत्य सिख लड़की जगजीत कौर के अपहरण और जबरन धर्मांतरण के बाद हुआ है जिसे पिछले साल अगस्त में उसके घर से अगवा कर लिया गया था।' विदेश मंत्रालय ने कहा, 'भारत धार्मिक स्थल के तोड़फोड़ की निर्दयतापूर्ण कृत्य की कड़ी निंदा करता है। हम पाकिस्तान सरकार से मांग करते हैं कि वह सिख समुदाय की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के तत्काल कदम उठाए।'

घटना से जुड़ा विडियो सामने आने के बाद भारत में सिख समुदाय ने शनिवार को दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन करने का फैसला किया है। उन्होंने पाक सरकार से मांग की है कि वे सिखों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। विदेश मंत्रालय के अलावा पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी पाक पीएम इमरान खान से दोषियों के खिलाफ ऐक्शन की मांग की है।

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अध्यक्ष गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने कहा कि वह सिखों को दबाने की कोशिश बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने सिखों के खिलाफ की गई नफरत भरी बयानबाजी, पत्थरबाजी और नारेबाजी की निंदा की है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करे।

दिल्ली के राजौरी गार्डन से विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने ट्विटर पर हमले का विडियो शेयर करते हुए पाकिस्तान के पीएम इमरान खान से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। सिरसा ने एक अन्य ट्वीट में कहा है कि गुरुद्वारे पर हमले के बाद पूरे पाकिस्तान में सिख समुदाय के बीच दहशत का माहौल है और कई पाकिस्तानी सिख उन्हें फोन कर अपना डर जता रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक गुरुद्वारे पर हमला करने वाली भीड़ का नेतृत्व मोहम्मद इमरान नाम का शख्स कर रहा था। यह शख्स उसी परिवार से संबंधित है, जिसने जगजीत कौर नाम की सिख युवती का अपहरण किया था और जबरन धर्मांतरण कराया था। हसन नाम के शख्स ने जगजीत कौर से शादी की थी और उसका नाम आएशा बीबी रखा गया था। इस दौरान एक वीडियो भी वायरल हुआ, जिसमें मोहम्मद इमरान सिखों को धमकी देता दिखता है और कहता है कि उन्हें ननकाना साहिब में नहीं रहने दिया जाएगा।