लखनऊ: आईआरजीसी ईरान की क़ुद्स फ़ोर्स के कमांडर जनरल कासिम सुलैमानी और इराक़ की पॉपुसर मोबिलाइज़ेशन फ़ोर्स के डिप्टी कमांडर अबू मेहदी अल-मोंहदिस की अमरीकी आतंकवादी हमले में हुई शहादत पर इमामे जुमा मौलाना सय्यद कल्बे जवाद नकवी ने अमरीकी आतंकवाद की कड़े शब्दों में निंदा की। मौलाना ने जनरल कासिम सुलैमानी की शहादत पर दुःख प्रकट करते हुए तमाम आलमे इस्लाम विशेष तौर पर, मिल्लते ईरान और रहबरे मुअज्जम आयतुल्लाह अल उज्मा सय्यद अली खामेनई की खिदमत में ताअज़ियत पेश की।

मौलाना ने अमरीका के आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए कहा कि इस हमले से साफ हो गया है कि अमरीका और उसके सहयोगी देश इलाके में आतंकवाद को कितने बड़े पैमाने पर बढ़ावा दे रहे हैं और ये औपनिवेशिक शक्तियां नही चाहती हैं कि दुनिया में शांति व्यवस्था स्थापित हो। शहीद जनरल कसीम सुलैमानी सिपाहे पासदारान इंकिलाब इस्लामी ईरान के बेहतरीन कमण्डरों में से एक थे जिन्हें उनकी अनेक सफलताओं,दाईश के खातमे,आतंकवाद के खिलाफ उनकी लड़ाई एवं रणनीति और बहादुरी के कारण अमरीका ने निशाना बनाया है, लेकिन अमरीका को ये याद रखना चाहिए कि शहीद का खून व्यर्थ नही जाता । जनरल कासिम सुलेमानी की शहादत अस्ल में अमरीका, इजराइल और तमाम औपनिवेशिक ताकतों की समाप्ति का एलान है।

मौलाना ने कहा कि अमरीका और इजराइल ईरान पर प्रतिबंध लगा कर उस के सर को झुकाने में विफल रहे हैं। मिल्लते ईरान ना कभी इस्तेमारी ताकतों के सामने झुकी है और न आगे कभी झुकेगी। उस के पास बेहतरीन कयादत है जिस ने पूरी दुनिया में अपनी राजनीतिक और सामाजिक रणनीतियों और दूरअंदेशी का लोहा मनवाया है। मौलाना ने अपने बयान में कहा कि जनरल कासिम सुलेमानी की शहादत अमरीका की असफलता और मिल्लते ईरान की कामयाबी की दलील है । अमरीका मिल्लते ईरान और उसके सैनिकों के सामने हमेशा ज़लील होता रहा है और इंशाल्लाह यूँही होता रहेगा । अमरीका को अब ईरान से और डरना चाहिए क्योंकि शहीद का खून ज़ालिम ताकतों के खातमे का प्रतीक होता है।