लखनऊ: बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा कि देश की पूरी जनता को भारतीय के बजाय हिन्दू मानने की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा की ‘साम्प्रदायिक’ सोच के कारण ही देश में अशांति और अराजकता का माहौल बना है। मंगलवार (31 दिसंबर) को मायावती ने लोगों को नए वर्ष के बधाई संदेश के साथ भाजपा और संघ को आड़े हाथ भी लिया। इस पर उन्होंने कहा ‘देश की लगभग 130 करोड़ आम जनता को संवैधानिक आधार पर भारतीय मानने के बजाय उन्हें हिन्दू मानने की संघ और भाजपा सरकार की संकीर्ण व साम्प्रदायिक सोच व मानसिकता का ही परिणाम है कि संविधान की मूल मानवतावादी भावना और मंशा हर जगह नष्ट होती दिखाई पड़ रही है।’

‘हाहाकार मचाने का षड़यन्त्र’ कर रही बीजेपी-संघ- मायावतीः प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी देशवासियों को हिन्दू के बजाय भारतीय मानने की नीयत और नीति से ही देश का असली भला हो सकता है। मायावती ने कहा कि अब संशोधित नागरिकता कानून, राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी और राष्ट्रीय नागरिकता पंजी के तौर पर पूरे देश में असम जैसी अशान्ति और ‘हाहाकार मचाने का षड़यन्त्र’ किया जा रहा है ताकि संकीर्ण राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति की जा सके।

मायावती ने दी जनता को नए साल की बधाईः जनता को नए वर्ष की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि केन्द्र एवं उत्तर प्रदेश सरकार से जनहित की कुछ बेहतरी की उम्मीद करने के बजाय अपनी मेहनत से नया वर्ष और भविष्य बेहतर बनाने का विशेषकर युवा वर्ग का संकल्प एवं संघर्ष सराहनीय है। बता दें कि बुधवार से नए साल की शुरुआत हो रही है। ऐसे में देश में शांति हो इस बात पर भी मायावती ने जोर दिया है।

RSS चीफ भागवत ने क्या कहा थाः बता दें कि 25 दिसंबर को तेलंगाना के RSS स्वयंसेवकों के तीन दिवसीय ‘विजय संकल्प शिविर’ के तहत एक जन सभा में भागवत ने कहा था- संघ भारत की 130 करोड़ आबादी को हिंदू समाज के रूप में मानता है, चाहे उनका धर्म और संस्कृति कुछ भी हो। धर्म और संस्कृति से परे देखते हुए, जो लोग राष्ट्रवादी भावना रखते हैं और भारत की संस्कृति तथा उसकी विरासत का सम्मान करते हैं, वे हिंदू हैं और आरएसएस देश के 130 करोड़ लोगों को हिंदू मानता है। उन्होंने यह भी कहा कि संपूर्ण समाज हमारा है और संघ का उद्देश्य संगठित समाज का निर्माण करना है।