लखनऊ: मजलिसे उलेमा-ए-हिंद के महासचिव इमामे जुमा मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने आज शिया ओलमा और विभिन्न विद्वानों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ मुजफ्फरनगर के प्रभावित इलाकों का दौरा किया। मौलाना हौज़ाए इल्मिया इमाम हुसैन गये जहॉ मौलाना असद रज़ हुसैनी और मदरसे के छात्रों से मुलाकात की जिनको पुलिस ने मदरसे में घुसकर मारा था। साथ ही मौलाना कल्बे जवाद नकवी नुर मुहम्मद के घर भी गये। 20 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानुन और एनआरसी के खिलाफ हुए प्रर्दशन में नुर मोहम्मद की हत्या होगई थी। 20 दिसंबर को ही पुलिस ने मदरसे मे घुसकर छात्रों और ओलमा पर लाठी चार्ज किया था जबकि वह लोग प्रर्दशन में शामिल नही थे।इस लाठी चार्ज में छात्रों को गंभीर चोटें आई हैं और मदरसे के प्रमुख मौलाना असद रज़ा हुसैनी बुरी तरह घायल हुए हैं। मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने पुलिस की बर्बरता की कड़ी निंदा करते हुए सरकार से जांच की मांग की है ।

मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने मौलाना असद रज़ा हुसैनी और मदरसे के छात्रों से कहा कि वह हर पल उनके साथ है, वह मदरसे में हुई पुलिस की बर्बरता के खिलाफ लगातार शीर्ष अधिकारियों के संपर्क में हैं ताकि घटना की जांच की जा सके और दोषियों को दंडित किया जा सके। पत्रकारों से बात करते हुए मौलाना ने कहा कि भारत में आजादी के बाद इस तरह के अत्याचार पहले कभी नहीं हुए।

मौलाना कल्बे जवाद नकवी के नेतृत्व में ओलमा और विद्वानों ने मुजफ्फरनगर में मृतक नूर मुहम्मद के घर का भी दौरा किया, जहां उन्होंने इस दुखद मौत पर नूर मोहम्मद के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की और उनसे धैर्य रखने का आग्रह किया। मौलाना ने कहा कि 20 दिंसबर को हुए शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन मे हुई हिंसा और पुलिस की बर्बरता की उच्च स्तरीय जांच हो ताकि अपराधियों के खिलाफ कडी कार्यवाई हो सके। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील महमूद पारचा ने लोगों से बात करते हुए कहा कि हम पुलिस क्रूरता के खिलाफ अदालत जा रहे हैं और लोगों को न्याय दिला कर रहेंगे, यही हमारा लक्ष्य है। हम इस संबंध में आवश्यक कदम उठा रहे हैं ताकि परेशान लोगों की समस्याओं का हल निकाला जा सके।

मुजफ्फरनगर में पीड़ितों से मिलने वालों में मौलाना सैयद हैदर अब्बास रिज़वी, मौलाना शबाहत हुसैन, मौलाना ज़व्वार हुसैन, वरिष्ठ वकील महमूद पारचा,मौलाना कासिम जैदी,मौलाना रेहान हुसैन,मौलान मज़हर अब्बास, कर्बला शाह मरदॉ कमेटी के कार्यकर्ता, बहादुर अब्बास आदि लोग शामिल थे।
उलेमा का प्रतिनिधिमंडल लखनऊ से दिल्ली पहुंचा। उसके बाद मुजफ्फरनगर के गांव सिंधावली के लिए रवाना हुआ। उसके बाद यह प्रतिनिधिमंडल मेरठ के लिए रवाना हो गया है।