लखनऊ: आजादी के बाद से देश जिस प्रकार धर्म, जाति, समाज और समुदाय में उलझ गया है, वह आज तक उबर नहीं पाया है। राष्ट्रीय सामाजिक संगठन के संयोजक मोहम्मद आफाक ने देश और देश के नागरिकों के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि देश में सैकड़ों वर्षों से तीन तरह के लोग रहते हैं। उनमें से कुछ हिंदू राष्ट्र चाहते हैं, कुछ मुस्लिम राष्ट्र चाहते हैं, लेकिन अधिकांश लोग हिंदू मुस्लिम सब मिलकर रहने वाले सुन्दर राष्ट्र अर्थात लोक तंत्र चाहते हैं। देश में कुछ ताकतें हैं जो हिंदू-मुस्लिम करा कर हमेशा सत्ता में बने रहना चाहती हैं। भारत में इन शक्तियों ने अपना मीडिया स्थापित किया है। जो हिंदू धर्म के नाम पर चर्चा करके नफरत फैला रही हैं। देश का भविष्य मासूम बच्चों पर भी प्रभावित हो रहा है। लेकिन जब संविधान के खिलाफ संसद में एक बिल पारित किया गया, तो देश भर के छात्रों, हिंदु, मुस्लिम, सिख, ईसाइ, बौद्ध, जैन ने सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया। इससे पता चलता है कि हमारे देश का युवा जागरूक है। और यह जागरूकता उन विकृत मानसिकता और उन नापाक शक्तियों के लिए मुँह तोड़ जवाब है जो नफरत की राजनीति करना चाहते हैं। याद रखिए! अगर संविधान को बचाया जाता है, तो देश बच जाएगा। अगर कोई पुलिस वाला चौराहे पर गाड़ी रोकता है और अवैध वसूली करता है, तो वह भी संविधान के खिलाफ है। इसलिए संविधान को बचाने के लिए इस पुलिसकर्मी का भी विरोध होना चाहिए।