लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्वास व्यक्त किया है कि 7वीं आर्थिक गणना न सिर्फ महत्वपूर्ण आंकड़ों को एकत्रित करेगी, बल्कि यह प्रदेश एवं देश को आर्थिक महाशक्ति बनाने की दिशा में सहायक होगी। विकास को एक नयी दिशा मिलेगी। उन्होंने कहा कि आर्थिक गणना का कार्य तकनीक पर आधारित होते हुए तथ्यपरक और समयबद्ध ढंग से सफलतापूर्वक संचालित हो, जिससे भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप योजनाओं के निर्माण में यह उपयोगी सिद्ध हो सके। उन्होंने आर्थिक गणना का अर्थव्यवस्था और विकास से सीधा सम्बन्ध बताते हुए कहा कि इसकी उद्यमों के विकास, नौजवानों को रोजगार और योजनाओं के सफल संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

मुख्यमंत्री आज यहां लोकभवन में उत्तर प्रदेश में 7वीं आर्थिक गणना के शुभारम्भ समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर मोबाइल एप के माध्यम से प्रदेश से सम्बन्धित प्रथम प्रविष्टि को दर्ज कराते हुए राज्य में 7वीं आर्थिक गणना का शुभारम्भ किया। उन्होंने कहा कि आर्थिक गणना के माध्यम से उद्यमों और व्यवसायियों के सम्बन्ध में तथ्यपरक जानकारी मिलेगी। योजनाओं और कार्यक्रमों के निर्माण के साथ-साथ भविष्य की आवश्यकतानुसार कार्ययोजना बनायी जा सकेगी। इस सन्दर्भ में उन्होंने प्रयागराज कुम्भ-2019 की चर्चा करते हुए कहा कि तथ्यपरक जानकारी और तकनीक के सफलतापूर्वक संचालन के आधार पर प्रयागराज एक नये व्यवस्थित रूप में लोगों के सामने आया। 24 करोड़ से अधिक श्रद्धालु आये और यह कुम्भ स्वच्छता, सुरक्षा और सुव्यवस्था का मानक बना।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के समय उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत के समान थी, किन्तु समय के साथ यह पिछड़ती चली गयी। इसका कारण प्रदेश के जनपदों के परम्परागत उद्योगों की उपेक्षा रही। इस उपेक्षा से उद्यमी हताशा और निराशा के शिकार हुए और प्रदेश की आर्थिक स्थिति भी खराब हुई। विकास प्रभावित हुआ। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ (ओ0डी0ओ0पी0) की अभिनव योजना प्रारम्भ हुई, जिसके अच्छे परिणाम सामने आये और आज उत्तर प्रदेश से निर्यात में 28 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले समय में उत्तर प्रदेश देश के 03 टाॅप निर्यातक प्रदेशों में से एक होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 7वीं आर्थिक गणना को व्यवस्थित और प्रामाणिक रूप से सम्पन्न कराने के लिए राज्य सरकार ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय समन्वय समिति गठित की है। इसी प्रकार, प्रत्येक जनपद में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समन्वय समिति गठित की गयी है, जो इस कार्य को देख रही है। इसमें काॅमन सर्विस सेण्टर के 01 लाख 97 हजार 974 प्रगणक तथा 61 हजार 184 विलेज लेवल इण्टरप्रेन्योर/सुपरवाइजर लेवल-1 कार्य करेंगे। यह गणना कार्य आगामी साढ़े तीन माह में पूर्ण किया जाना निर्धारित है।