नई दिल्ली: जमशेदपुर (पूर्व) विधानसभा सीट से झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास को हराने वाले भाजपा के शीर्ष विद्रोही नेता सरयू राय ने कहा है कि गठबंधन सरकार को उनका नैतिक समर्थन है। उन्होंने कहा कि फिलहाल वो निर्दलीय ही रहेंगे। इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में सरयू राय ने कहा कि वो मुद्दों के आधार पर सरकार का समर्थन और आलोचना करेंगे। जहां गड़बड़ लगेगी वहां आवाज उठाएंगे। उन्होंने कहा कि सोरेन सरकार को अस्थिर करने की कोशिश नहीं करेंगे। इससे पहले उन्होंने कहा था कि स्थिरता के लिए आवश्यक होने पर वह स्वयं उसका समर्थन कर सकते हैं।

भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से, अपना टिकट काटे जाने से भारी रुष्ट चल रहे सरयू राय ने कहा, ‘‘वर्तमान रुझान को देखते हुए राज्य में झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन की ही सरकार बनने की संभावना है और मैं चाहूंगा कि राज्य में किसी भी प्रकार की अस्थिरता न हो। ऐसे में महागठबंधन की स्थिरता के लिए आवश्यकता पड़ने पर समर्थन देने में हमें कोई एतराज नहीं होगा।’’

भाजपा को आवश्यक होने पर समर्थन देने के सवाल पर राय ने कहा, ‘‘भाजपा को अव्वल तो मेरे समर्थन की आवश्यकता नहीं होगी और मेरे द्वारा उन्हें समर्थन देने की संभावना बहुत ही कम है। ’’उन्होंने अपना टिकट काटे जाने पर कहा, ‘‘भाजपा नेतृत्व ने मेरे स्वाभिमान को चोट पहुंचायी और उसी से आहत होकर मैंने मुख्यमंत्री के खिलाफ चुनाव लड़ने का मन बनाया।’’

एक अन्य सवाल के जवाब में सरयू राय ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी मुहिम जारी रहेगी और इस बात की उन्होंने मंत्री रहते हुए भी मुख्यमंत्री रघुवर दास को चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा कि किसी भी भ्रष्टाचारी का स्थान मधु कोड़ा की ही जगह पर है अर्थात उसे जेल जाना होगा।

झारखंड के पूर्व मंत्री सरयू राय ने जमशेदपुर (पूर्व) सीट से टिकट न मिलने पर रघुबर दास मंत्रिमंडल और फिर भाजपा से इस्तीफा दे दिया था। राय ने 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में जमशेदपुर (पूर्व) सीट जीती थी।